Shah Rukh Khan Motivational Films : यूं तो कहने को फिल्में महज मनोरंजन का एक जरिया होती हैं, लेकिन कई बार कुछ ऐसी भी फिल्में होती हैं जो हमें जीने का अंदाज सीखा जाती हैं, या यूं कहें उसमें बताई गई बातें न सिर्फ हमको प्रभावित करती हैं, बल्कि कई सीख भी दे जाती हैं.



बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की छवि भले ही रोमांटिक एक्टर के तौर पर ज्यादा की जाती हो, पर उन्होंने कुछ फिल्मों में वो किरदार भी निभाया है जो न सिर्फ प्रेरित करता है, बल्कि फिल्मों में कई ऐसी बातें भी कही हैं, जो ना सिर्फ मोटिवेट करती बल्कि जिंदगी में बड़ी से बड़ी चुनौतियों से किस तरह उबरा जा सकता है यह भी बखूबी बताती हैं.

शाहरुख खान के बर्थडे (Shah Rukh Khan Birthday) के मौके पर जानते हैं उनकी ऐसी ही मोटिवेट करने वाली फिल्मों के में बारे में जो अगर आपने अब तक नहीं देखी हैं तो जरूर देखना चाहिए. 


‘कल हो ना हो’ (Kal Ho Naa Ho)
अगर आपको भी कल यानी की भविष्य की चिंता सताती रहती है, आप हर वक्त आने वाले समय को लेकर चिंता में रहते हैं तो आपको करण जौहर की फिल्म ‘कल हो ना हो’ जरूर देखनी चाहिए. शाहरुख खान ने इस फिल्म में जो बात कही थीं वो आज भी किसी मोटिवेशनल टिप्स से कम नहीं हैं. “आज...आज एक हंसी और बांट लो...आज एक दौर और मांग लो...आज एक आंसू और पी लो...आज एक जिंदगी और जी लो...आज एक सपना और देख लो...आज...क्या पता, कल हो ना हो...''


‘डियर जिंदगी’ (Dear Zaindagi)
लोग अक्सर इसी बात को लेकर चिंता में रहते हैं कि दूसरे क्या सोचेंगे...या क्या सोचते होंगे. यदि आप या आपके आसपास कोई इस तरह से सोचता हो तो उसे ‘डियर जिंदगी’ देखनी चाहिए. डॉ.जहांगीर खान का किरदार निभाने वाले शाहरुख खान ने इस फिल्म में एक बात कही थी जो ना सिर्फ सच है बल्कि प्रेरित भी करती है. दूसरों के नजरिए को क्यों नजरअंदाज करना चाहिए. फिल्म का एक डायलॉग है, ''जब हम अपने आप को अच्छी तरह समझ लेते हैं, तो दूसरे क्या समझते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.”


‘ओम शांति ओम’ (Om Shanti Om)
2007 में रिलीज हुई  ‘ओम शांति’ ओम फिल्म में शाहरुख का एक डायलॉग है.  ''हमारी फिल्मों की तरह, हमारी जिंदगी में भी आखिर तक सबकुछ ठीक हो ही जाता है, हैप्पी एंडिंग.'' यह बात यह सिखाती है कि जिंदगी में यदि अभी आपका बुरा वक्त चल रहा है तो उससे घबराकर हार मानने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आखिर में सब ठीक हो ही जाता है. बस जरूरत होती है तो धैर्य बनाए रखने की. 


‘चक दे इंडिया’ (Chak De India)
महिला हॉकी टीम पर आधारित इस फिल्म में शाहरुख खान बतौर कोच नजर आए थे. वैसे यह पूरी फिल्म मोटिवेट करती है पर फिल्म का एक डायलॉग है जिसमें शाहरुख खान कहते हैं,  ''मैंने कहा था ना, टीम बनाने के लिए ताकत नहीं, नीयत चाहिए.'' जिसका मतलब साफ है किसी भी काम को करने के लिए आप में  इच्छा शक्ति है, साफ नीयत है तो सफलता जरूर मिलती है.


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