Mahatma Gandhi First Film: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर को हुआ था. गुजरात के पोरबंदर में जन्मे बापू ने ना सिर्फ देश को आजादी दिलाने के लिए अपना सर्वस्व झोंक दिया बल्कि उनके आदर्श आज भी देश को प्रेरणा दे रहे हैं. आज आपको बताएंगे वो किस्सा जब पहली और आखिरी बार महात्मा गांधी फिल्म देखने के लिए थिएटर पहुंचे और वो भी आधी फिल्म देखकर ही वापस लौट आए.
दरअसल महात्मा गांधी को फिल्म और सिनेमा से कोई खास दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन एक बार वो भी थिएटर में फिल्म देखने पहुंचे थे. खास बात ये कि ये फिल्म उनके ही आदर्शों के इर्द गिर्द बुनी गई थी. लेकिन बापू को ये फिल्म कुछ खास पसंद नहीं आई थी.
गांधी जी ने कौन सी फिल्म देखी थी ?
रिपोर्ट्स की मानें तो महात्मा गांधी ने अपने जीवन में सिर्फ एक फिल्म देखी थी. जिसका नाम है रामराज्य. ये फिल्म बापू के उन आदर्शों पर ही थे जिन्हें वो देश में रामराज लाने के लिए अहम मानते थे. साल 1943 में आई इस फिल्म में बापू के आदर्शों के इर्द गिर्द ही कहानी रची गई थी. निर्देशक विजय भट्ट की इसी बात से प्रभावित होकर बापू ने फिल्म देखने का मन भी बनाया था.
आधी फिल्म देखकर बाहर आ गए थे बापू
कई लोगों को उम्मीद थी कि इस फिल्म के बाद शायद बापू का सिनेमा को लेकर दृष्टिकोण बदल जाए. लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि बापू आधी फिल्म को बीच में ही छोड़कर थिएटर से बाहर निकल आए थे. खबरों के मुताबिक इसके बाद बापू ने कभी कोई फिल्म नहीं देखी थी. ये पहली और आखिरी बार था जब महात्मा गांधी ने कोई फिल्म देखी.
महात्मा गांधी के ऊपर देश और विदेश में कई फिल्में बनीं. इन फिल्मों ने ना सिर्फ कलात्मक नजरिए ये शोहरत बटोरी तो कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बंपर हिट साबित हुईं. लेकिन बापू के जीवन में सिनेमा के लिए जगह कुछ खास जगह नहीं थी. वो सिनेमा और उसके समाज पर प्रभाव को लेकर अलग नजरिया रखते थे, शायद इसी वजह से उन्होंने फिल्मों से हमेशा दूरी बनाकर रखी.
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