मुम्बई : 80 के दशक में ऋषि कपूर से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा तक कई बड़े एक्टरों के साथ फिल्मों में काम करनेवाली अभिनेत्री गीता बहल का शनिवार की रात 9.40 बजे कोरोना के संक्रमण के चलते निधन हो गया. कोरोना पॉजिटिव गीता बहल को 19 अप्रैल को मुम्बई के जुहू स्थित क्रिटीकेयर अस्पताल में दाखिल कराया गया था. वो 64 साल की थीं.


गीता बहल 80 और 90 के दशक में कई फिल्मों में हीरो के तौर पर काम करनेवाले अभिनेता रवि बहल की बहन भी थीं. उल्लेखनीय है कि गीता के भाई रवि बहल, उनकी 85 साल की मां और घर में काम करनेवाली एक बाई भी कोरोना की चपेट में आ गये थे. मगर घर में आइसोलेशन में रहते हुए ये तीनों ही इस बीमारी से 7 से 10 दिनों में उबर गये थे. लेकि‌न बिगड़ती तबीयत के चलते 26 अप्रैल को गीता को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. उनकी हालत के और बिगड़ जाने पर दो दिन पहले ही वेंटिलेटर पर रखा गया था.




खराब हालात के चलते अस्पताल में किया गया भर्ती


गीता बहल के बचपन के दोस्त और एक्टर-डायरेक्टर आकाशदीप साबिर ने गीता की कोरोना से हुई मौत पर अफसोस जताते हुए बताया, "गीता की मां, भाई और घर में काम करनेवाली बाई तो जल्द ही कोरोना से ठीक हो गये लेकिन खराब होती सेहत के चलते कोरोना पॉजिटिव गीता को अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा था. पिछले कई दिनों से गीता का ऑक्सीजन लेवल बार-बार ऊपर-नीचे होता रहा. ऐसे में उन्हें वेंटिलेटर पर रखने तक की नौबत आई लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी गीता को बचाया नहीं जा सका और शनिवार की रात को उन्होंने दम तोड़ दिया."


इस फिल्म से किया था डेब्यू


उल्लेखनीय है कि गीता बहल ने जाने-माने निर्देशक राज खोसला की हिट फिल्म मैं तुलसी तेरे आंगन की (1978) से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में विनोद खन्ना, नूतन और आशा पारेख जैसे दिग्गज कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे. 




इन फिल्मों में किया था काम


बाद‌ में 80 के दशक में गीता बहल ने ऋषि कपूर और मौशमी चटर्जी के साथ फिल्म दो प्रेमी (1980), जमाने को दिखाना है (1981), मैंने जीना सीख लिया (1982), मेरा दोस्त मेरा दुश्मन (1984), नया सफर (1985) जैसी हिंदी फिल्मों में काम किया था. इन हिंदी फिल्मों के अलावा गीता बहल ने गुजराती फिल्म नसीब नू खेल (1982) और यार गरीबा दा (1986) जैसी पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया था.


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