Geeta Dutt Death Anniversary: गुरुदत्त के हाथों दिल की 'बाजी' यूं हारी थीं गीता, फिर इश्क में गंवा दी जिंदगी
Geeta Dutt: उनकी आवाज के लाखों दीवाने थे, लेकिन वह जिसकी दीवानी बनीं, उसके ही हाथों छली गईं. बात हो रही है गीता दत्त की, जिन्होंने 1972 में आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
Geeta Dutt Unknown Facts: फिल्म जगत में वह भले ही गीता दत्त के नाम से मशहूर हों, लेकिन 23 नवंबर 1930 के दिन बांग्लादेश के फरीदपुर शहर में जन्मी गीता का असली नाम गीता घोष राय चौधरी था. जब गीता महज 12 साल की थीं, उस वक्त उनका पूरा परिवार बांग्लादेश छोड़कर मुंबई में आ बसा. गीता बचपन से ही संगीत की दुनिया में अपना जहां बसाना चाहती थीं. ऐसे में उन्हें संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हनुमान प्रसाद ने दी.
ऐसे शुरू हुआ गीता का करियर
गीता के करियर की शुरुआत साल 1946 में हुई फिल्म भक्त प्रह्लाद से हुई. इसके बाद उन्होंने कश्मीर की कली, रसीली, सर्कस किंग समेत कई फिल्मों के लिए गाने गाए, लेकिन ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रहीं. गीता की किस्मत ने उस वक्त करवट ली, जब उनकी मुलाकात एसडी बर्मन से हुई. उन्होंने गीता को फिल्म दो भाई में गाने का मौका दिया, जिससे उनकी किस्मत ही पलट गई.
बाजी के सेट पर हार गई थीं दिल
साल 1951 के दौरान जब गीता फिल्म बाजी के लिए तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले की रिकॉर्डिंग कर रही थीं, उस दौरान उनकी नजरें गुरुदत्त से दो-चार हो गईं. दोनों एक-दूसरे के इश्क में इस कदर बंधे कि 1953 में शादी कर ली. हालांकि, चार साल बाद ही यानी 1957 से दोनों के रिश्ते में दरार पड़ने लगी. पहले तो गुरुदत्त ने गीता के काम में दखल दिया, जिससे गीता को धक्का लगा. वहीं, जब गुरुदत्त की जिंदगी में वहीदा रहमान की एंट्री हुई तो गीता बुरी तरह टूट गईं.
यूं जिंदगी हार गईं गीता
पत्नी गीता और प्रेमिका वहीदा रहमान के बीच फंसे गुरुदत्त की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई. 10 अक्टूबर 1964 के दिन जब गुरुदत्त ने इस दुनिया को अलविदा कहा तो गीता के सारे सपने चकनाचूर हो गए. उन्होंने खुद को शराब में डुबो लिया. उनकी तबीयत खराब रहने लगी और 20 जुलाई 1972 के दिन उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली.
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