पहलवान गीता फोगाट ने हाल में हुमा कुरैशी स्टारर वेब सीरीज 'महारानी' देखी. ये सीरीज देखकर उन्हें अपने प्रोफेशनल लाइफ में लिंगभेद के साथ अपने संघर्ष की याद आ गई. साल 2010 में, गीता नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में महिला कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं थीं. इसके बाद उन्होंने कनाडा में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया.
पुरुष प्रभुत्व वाले इस खेल में गीता ने अपनी अलग पहचान बनाई. उनपर और उनके पिता महावीर सिंह फोगाट पर आमिर खान स्टाटर फिल्म 'दंगल' भी बनीं थीं. जैसा कि फिल्म में दिखाया गया था. गीता ने रविवार को अपनी एक पोस्ट शेयर की. इस पोस्ट में उन्होंने हुमा कुरैशी के किरदार को अपनी रियल लाइफ से जोड़ा है. उन्होंने इस पोस्ट के एक तस्वीर भी शेयर की. इस तस्वीर में उन्होंने अपने हाथ के कार्ड बोर्ड पकड़ा हुआ है, जिसमें हैशटैग 'सॉरी नहीं सुनेंगे' लिखा है.
दोगुनी मेहनत से जीत हासिल की
गीता फोगाट ने लिखा, "बचपन से बहुत सुनाया गया है मुझे पहलवान बनने के लिए. लड़की थी ना, और लड़कों को उन्हीं के खेल में पछाड़ रही थी. 'कुश्ती लड़कों का खेल है', 'कितने छोटे बाल हैं', 'तुम लड़कों की तरह दिखती हो,' एक औरत के लिए पुरुषों की दुनिया में अपनी जगह बनाना मुश्किल होता है. पर मैं दटी रही. मैंने दोगुनी मेहनत की और जीत हासिल की."
यहां देखिए गीता फोगाट का इंस्टाग्राम पोस्ट-
पापा की बातें मानी
गीता फोगाट आगे लिखती हैं,"क्यूं बोलते हैं औरत ये नहीं कर सकती, वो नहीं कर सकती..कोई रूलबुक थोड़ी है? 'लोगों का काम है कहना, लेकिन तुम्हें पीछे मुड़के देखने की जरूरत नहीं', पापा की कही ये बात मैंने अपनाई और आगे बढ़ती चली गई."
'महारानी' में दिखी अपनी झलक
गीता फोगाट ने आगे लिखा,"हाल ही में मैंने 'महारानी' वेब सीरीज देखी और मुझे अपनी जिंदगी की झलक उस में नजर आई. लोग रानी भारती को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ देता है पर वो सबको मुंह तोड़ जवाब देती हैं. ऐसे लोगों को मैं बोलना चाहूंगी सुधर जाओ. अब हम सॉरी नहीं सुनेंगे." गीता ने अपनी इस पोस्ट को हुमा कुरैशी को भी टैग किया.
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