Ghuspaithiya Review: सुसी गणेशन की फिल्म 'घुसपैठिया' लाइमलाइट में है. ये फिल्म साइबर क्राइम की अंधेरी दुनिया पर रोशनी डालती है. साथ ही पुलिस सुधार जैसे मुद्दों पर भी बात करती है जो आमतौर पर भारतीय फिल्मों में नहीं दिखाया जाता है. इस फिल्म में एक नया टॉपिक उठाया गया है.


फिल्म की शूटिंग वाराणसी और लखनऊ में हुई. इसमें एक्टर विनीत कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के पुलिस ऑफिसर के किरदार में हैं. वहीं उर्वशी रौतेला उनकी पत्नी के रोल में हैं. विनीत जब इन्फ्लुएंसर्स के फोन की मॉनिटरिंग करता है, तो इस दौरान चौंकाने वाला एक सच का पता चलता है. दरअसल, फोन कॉल में उनकी पत्नी से जुड़ा एक कॉल भी शामिल होता है.



क्या है कहानी?
अक्षय ओबेरॉय फिल्म 'घुसपैठिया' में खलनायक की भूमिका में हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, कहानी दिलचस्प होती जाती है. ये फिल्म पुलिस सुधार समितियों की अक्षमताओं को अनोखे ढंग से दर्शाती है, और इस बात पर फोकस करती है कि किस तरह अधिकारियों को अक्सर रसोइये और माली जैसी भूमिकाएं निभानी पड़ती हैं, जो एक ऐसा गंभीर मुद्दा है जिस पर भारतीय फिल्मों में शायद ही कभी चर्चा की जाती है.



एक्टिंग
फिल्म 'घुसपैठिया' में एक नए एंगल की कहानी है जो जबरदस्त ट्विस्ट लाता है. विनीत कुमार सिंह ने रोमांटिक सीन्स के बीच आसानी से बदलाव करते हुए शानदार एक्टिंग की है. अक्षय ओबेरॉय खलनायक की भूमिका में पर्दे पर शानदार तरीके से उतरे हैं. उर्वशी रौतेला ने बेस्ट परफॉर्मेंस दी है. गोविंद नामदेव ने बतौर सपोर्टिंग रोल फिल्म में अहम योगदान दिया है.




डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी
सुसी गणेशन ने अपने डायरेक्शन में बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक फिल्म के विजुअल एलिमेंट्स पर पूरा फोकस किया है. सिनेमेटोग्राफी और कलर पैलेट एक्सपीरियंस को बढ़ाते हैं. 'घुसपैठिया' सिर्फ एंटरटेनमेंट ही नहीं, बल्कि यह साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठा कर दर्शकों को उनके स्मार्टफोन से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूक करती है.



फिल्म के आखिर में आप महसूस करेंगे कि 'घुसपैठिया' कितनी आसानी से आपके लाइफ को तहस-नहस कर सकते हैं. अगर आप शानदार परफॉर्मेंस और ग्राउंड ब्रेकिंग कंटेंट में कुछ बेहतरीन देखना चाहते हैं, तो ये एक ऐसी फिल्म है जिसे आपको मिस नहीं करनी चाहिए.


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