Ram Naik Alleged Govinda Connection With Dawood: यह बात तो सभी जानते हैं कि एक वक्त में अंडरवर्ल्ड का बॉलीवुड में दबदबा था. आलम यह था कि कोई सीन या गाने पर आपत्ति होने के कारण उसे हटाना ही पड़ता था. सिर्फ इतना ही नहीं बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड का सिक्का इस कदर चलता था कि फिल्म कैसी बनेगी, कौन एक्टर होगा, कौन गाना गाएगा यह सब वहीं तय होता था. हालांकि अब ये सब चीजें नहीं हैं और अंडरवर्ल्ड का बी-टाउन से दबदबा खत्म हो चुका है. 


उस वक्त सितारों पर भी डॉन से मिले होने के आरोप लगा करते थे. बात साल 2004 की है जब गोविंदा ने राजनीति में अपना डेब्यू किया था. उन्होंने कद्दावर नेता राम नाईक को हराया था, उस दौरान गोविंदा पर दाऊद से कनेक्शन के आरोप लगे थे. 


जब गोविंदा पर लगा दाऊद से समर्थन का आरोप
साल 2004 में गोविंदा ने अपना राजनीतिक डेब्यू किया था. वह कांग्रेस की उत्तरी मुंबई सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उस वक्त गोविंदा ने कई बार के सांसद और दिग्गज नेता राम नाईक को हराया था. हारने के बाद राम नाईक ने गोविंदा को लेकर दावा किया था कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए दाऊद इब्राहिम की मदद ली है. राम नाईक ने इस बात का जिक्र अपनी किताब चरैवेति, चरैवेति (बढ़ते रहो) में भी किया है. 


राम नाईक ने अपनी किताब में क्या लिखा?
राम नाईक ने अपनी किताब में लिखा था कि गोविंदा की दाऊद और बिल्डर हितेन ठाकुर के दोस्ती थी और उन्होंने दोनों की मदद से चुनाव जीता. सिर्फ इतना ही नहीं राम नाईक ने तो यह भी कहा था कि एक टीवी चैनल ने भी गोविंदा की फिल्में चलाकर चुनाव में उनको जीताने में मदद की थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ‘राम नाईक ने कहा था कि उनको यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि गोविंदा और दाऊद के संबंध थे. उन्होंने अपनी ताकत का इस्तेमाल मेरे खिलाफ चुनाव में किया और यह उनके पक्ष में गया’.  






गोविंदा ने राम नाईक के आरोपों का दिया जवाब
बाद में गोविंदा ने राम नाईक के इन आरोपों पर जमकर पलटवार किया था. उन्होंने कहा था, ‘मुझे किसी समर्थन की जरूरत नहीं थी. ऐसा कहकर राम नाईक उस क्षेत्र के लोगों का अपमान कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि उस संसदीय क्षेत्र के लोग एक डॉन के हाथों बिक गए थे. ऐसा बोलकर लोगों का अपमान न करें’.


गोविंदा ने शुरू की दूसरी राजनीतिक पारी
बता दें कि गोविंदा ने साल 2009 में राजनीति छोड़ भी दी थी. गोविंदा का कहना था कि उनकी पार्टी ने उनको कोई फायदा नहीं पहुंचाया है. कुछ लोग उनके साथ काम नहीं करना चाहते थे, इसलिए वह चुनाव लड़ने की बजाय सिर्फ प्रचार करेंगे. बता दें कि इन दिनों गोविंदा किसी फिल्म में नजर नहीं आ रहे हैं. फिल्मी करियर सही न चलने के कारण अभिनेता ने शिवसेना के साथ अपनी दूसरी राजनीतिक पारी शुरू करने का फैसला किया है.


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