Govinda was so Superstitious: 80's और 90's में गोविंदा ने इतनी सारी सुपरहिट फिल्में दीं कि आज तक वो स्टारडम बना हुआ है. जो गोविंदा का फैन है वो जानता है कि वो कैसे कलाकार हैं. एक्टिंग में, डांस में, रोमांस में, कॉमेडी में और एक्शन में गोविंदा का कोई जवाब नहीं. गोविंदा भारतीय सिनेमा के ऐसे एक्टर हैं जो एक्सप्रेशन के साथ डांस और एक्शन करते है. गोविंदा अपने आप में पूरा फिल्मी पैकेज हैं लेकिन एक दौर ऐसा था जब वो किन्हीं वजहों से अंधविश्वास में डूब गए थे.
90's में गोविंदा ने 'कूली नंबर 1', 'हीरो नंबर', 'बेटी नंबर 1' जैसी सुपरहिट फिल्में करके बॉलीवुड के नंबर 1 बन गए थे. धीरे-धीरे उनका डाउनफॉल भी आया और इसके कारण वो अंधविश्वास की तरफ बढ़ गए थे जिसके बारे में उनके एक खास मित्र ने बताया.
गोविंदा क्यों बन गए थे अंधविश्वासी?
इंडिया टाइम्स के मुताबिक, फिल्ममेकर और एक्स सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी गोविंदा के अच्छे दोस्त भी हैं. पहलाज निहलानी ने गोविंदा के एक्टिंग टैलेंट और परिवार के प्रति जिम्मेदारी की तारीफ की. साथ ही उन चीजों ने एक्टर के करियर में बड़ा किरदार भी निभाया.
पहलाज निहलानी ने आगे कहा, 'वो (गोविंदा) फिल्में कर रहा था, परिवार को भी समय दे रहा था लेकिन धीरे-धीरे अंधविश्वास में डूबने लगा था. वो कहते थे सेट पर झूमर गिर जाएगा सब लोग हट जाओ. एक बार तो भविष्यवाणी ही करने लगे थे कि कादर खान डूबने वाले हैं.'
पहलाज निहलानी ने आगे कहा, 'वो अपने अंधविश्वास से लोगों के कपड़ों का रंग बदलवा दिया करता था. वो कुछ दिनों पर कुछ चीजों को करने से मना कर देता था. ये सारी चीजें उनके आलस और भोलेपन में मिलकर उनकी लाइफ में डाउनफॉल ले आई.' पहलाज निहलानी ने ये भी कह दिया था कि वो और गोविंदा कभी दोस्त नहीं थे.
पहलाज निहलानी ने इसपर कहा, 'हमारा कनेक्शन फिल्मों के जरिए हुआ और वहीं तक सीमित रहा. हमने साथ में खूब काम किया. वो बिना सोचे समझे बी ग्रेड और सी ग्रेड फिल्में साइन कर लिया करते थे. किसी को नहीं पता होता था कि वो कहां हैं. एक साथ 5-6 फिल्में करते थे और हमेशा लेट होते थे, झूठ भी बोलते थे.'
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