नई दिल्ली/अहमदाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पद्मावत' के रिलीज़ के खिलाफ करणी सेना के साथ-साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की अर्जियों को खारिज कर दिया है, लेकिन सुप्रीम के फैसले पर अमल करने के बजाए गुजरात और हरियाणा की राज्य सरकारें चोर दरवाज़ों से इस फिल्म की रिलीज़ में रुकावट को हवा दे रही हैं. सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि राज्य में थियेटर मालिकों ने फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया है.


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इसी तरह की बात हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी कही है. अनिल विज ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद एबीपी न्यूज़ से बातचीत में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की बात को दोहराते हुए कहा कि जनभावना का खयाल करते हुए अगर थियेटर मालिक फिल्म न दिखाते हैं तो अच्छा है और अगर दिखाते हैं तो सरकार सुरक्षा मुहैया कराएगी.


गुजरात और हरियाणा की सरकारों के वरिष्ठ मंत्रियों के बयान से साफ है कि राज्य सरकार सीधे फिल्म का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन पिछले दरवाज़ों से इसपर रोक लगा रही है.



इस फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों सरकारों को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप कुछ संगठनों की धमकी और हिंसा का हवाला दे रहे हैं हम इस याचिका सुनवाई क्यों करें. एक संवैधानिक संस्था ने फिल्म की रिलीज के लिए हरी झंडी दी. कोर्ट ने आदेश दिया फिर भी आप पहले से अंदेशा जता रहे हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखना आपकी जिम्मेदारी हैं.''


बता दें कि ये फिल्म पहले 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होने वाली थी लेकिन देश भर के कई राज्यों में फिल्म का जबरदस्त विरोध किया गया. इसके बाद मेकर्स ने फिल्म की रिलीज को टाल दिया था और बाद में एलान किया था कि ये फिल्म 24 जनवरी को रिलीज की जाएगी. इस फिल्म की एडवांस बुकिंग भी शुरू हो चुकी है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर हैं.