म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह का हुआ था दर्दनाक अंत, अंडरवर्ल्ड ने क्यों की थी हत्या? जानें रहस्य
Gulshan Kumar Birth Anniversary: टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार आज भले दुनिया में ना हों लेकिन अपने काम के जरिए वो हमेशा सबके बीच रहेंगे. म्यूजिक कंपनी के बेताज बादशाह का अंत बहुत बुरा हुआ था.
Gulshan Kumar Birth Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जो हैरान करने वाली रहीं. ऐसी ही एक घटना 12 अगस्त 1997 को हुई थी जब म्यूजिक इंडस्ट्री के बेताज बादशाह गुलशन कुमार की हत्या कुछ लोगों ने मंदिर के पास की थी. गुलशन कुमार वो इंसान थे जिन्होंने इंडस्ट्री को कई टैलेंटेड सिंगर्स दिए. गुलशन कुमार ने फर्श से अर्श तक का सफर बहुत मेहनत से पूरा किया था लेकिन कुछ लोगों को वो बर्दाश्त नहीं हुआ.
5 मई 1951 को दिल्ली में जन्में गुलशन कुमार पंजाबी हिंदू परिवार से बिलॉन्ग करते थे. गुलशन कुमार ने दिल्ली के दरयागंज की गलियों में जूस के ठेले से शुरुआत की थी. जूस की दुकान से टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार कैसे बने? उनकी हत्या किसने की थी? चलिए आपको उनकी लाइफ से जुड़े कुछ किस्से बताते हैं.
गुलशन कुमार की फैमिली
गुलशन कुमार ने साल 1975 में सुदेश कुमारी से शादी की थी. गुलशन और सुदेश को तीन बच्चे भूषण कुमार, तुलसी कुमार और खुशाली कुमार हुए. गुलशन कुमार के निधन के बाद टी-सीरीज की पूरी जिम्मेदारी बेटे भूषण कुमार को मिली, वहीं उनकी दोनों बेटियां एक्ट्रेस और सिंगर हैं. भूषण कुमार ने एक्ट्रेस दिव्या खोसला के साथ शादी की जिनसे उन्हें एक बेटा भी है.
दिव्या शादी के बाद भी फिल्मों में एक्टिव हैं और अब डायरेक्टर-प्रोड्यूसर के तौर पर काम करती हैं. गुलशन कुमार के भाई कृष्णा कुमार ने बतौर एक्टर करियर की शुरुआत की थी लेकिन अब वो टी-सीरीज कंपनी से जुड़े हैं और निर्देशक-निर्माता के तौर पर काम करते हैं.
गुलशन कुमार का संघर्ष
गुलशन कुमार एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं. पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने दिल्ली में जूस की दुकान खोली. जूस के काम से गुलशन कुमार ऊब चुके थे और उन्होंने एक दुकान खोली जहां सस्ती कैसेट्स और गानों को रिकॉर्ड करके बेचने का काम होता था.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय Tips कंपनी का बोलबाला था लेकिन गुलशन कुमार ने इतने सस्ते कैसेट बेचे कि लोगों का रुझान उनकी कंपनी की तरफ बढ़ने लगा. यहीं से गुलशन कुमार की किस्मत पलटी और उन्होंने संगीत कंपनी के जरिए T-Series की स्थापना साल 1983 में कर दी.
गुलशन कुमार का पहला टी-सीरीज ऑफिस नोएडा में खुला, जिसमें भक्ति गाने बनाए जाते थे. उनकी कंपनी ने कुमार सानू, उदित नारायण और अनुराधा पोडवाल जैसे सिंगर्स को तराशा. गुलशन कुमार का बिजनेस बढ़ा और उन्होंने टी-सीरीज की दूसरी ब्रांच मुंबई में खोली.
गुलशन कुमार ने 'टी-सीरीज' को बनाया नंबर 1
इसके बाद गुलशन कुमार ने टी-सीरीज में कई प्रोड्यूसर्स के लिए गाने रिकॉर्ड करने का काम शुरू किया. टी-सीरीज ने बतौर प्रोड्यूसर भी काम शुरू किया और इसकी पहली फिल्म लाल दुपट्टा मलमल का (1989) था.
लेकिन टी-सीरीज को देशभर में लोकप्रियता फिल्म आशिकी (1990) से मिली जब इस फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस फिल्म के गानों के लाखों कैसेट्स रातों-रात बिके और फिल्म भी थिएटर्स में कमाल कर रही थी. इसी फिल्म से कुमार सानू, अनुराधा पोडवाल जैसे सिंगर्स स्टार बन गए. आज टी-सीरीज कंपनी भारत टॉप-3 म्यूजिक कंपनियों में एक है.
दुर्गा मां और महादेव के परमभक्त थे गुलशन कुमार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुलशन कुमार फिल्म इंडस्ट्री के बड़े प्रोड्यूसर्स में से एक थे लेकिन उनके अंदर घमंड बिल्कुल नहीं था. कहा जाता है कि गुलशन दुर्गा मां और भगवान शंकर के परमभक्त थे. वो अपनी कमाई का एक हिस्सा धर्म और जरूरतमंदों की मदद में लगाया करते थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुलशन कुमार ने जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णों देवी मंदिर में भंडारा शुरू कराया और बताया जाता है कि ये भंडारा यात्रियों के लिए है और इसे 24 घंटे जारी रखा जाता है. टी-सीरीज ने गुलशन कुमार की शुरू किए इस प्रचलन को आज भी जारी रखा है. इसके अलावा गुलशन कुमार हर दिन मुंबई के साउथ अंधेरी में स्थित जीतेश्वर महादेव के मंदिर भी जाया करते थे.
गुलशन कुमार की हत्या
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1993 में गुलशन कुमार हाई पेड टेक्स पेयर बन चुके थे. वो अपना टैक्स समय पर देते थे लेकिन बेवजह पैसा देना उन्हें पसंद नहीं था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड की नजर उनके पैसों पर पड़ी और अबु सलेम ने उनसे 5 लाख रुपये की डिमांड की. गुलशन कुमार ने मना करते हुए ये कहा कि वो इतने रुपये में वैष्णों देवी मंदिर में भंडारा करवा देंगे.
गुलशन कुमार की इन बातों से नाराज शूटर राजा के जरिए सलेम ने कुमार पर दिन दहाड़े गोलियां चलवा दीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेली रूटीन के हिसाब से गुलशन कुमार महादेव के मंदिर गए थे और लौटते समय उनपर अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं.
उनके ड्राइवर ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन उसे भी मार दिया गया. अस्पताल ले जाते-जाते गुलशन कुमार का निधन हो चुका था. बाद मे, अबू सलेम को बॉम्बे बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया गया. फिलहाल को मुंबई के आर्थर रोल जेल में सजा काट रहा है.