जब अपनी जुबान से मुकर गए Dilip Kumar, फिर Guru Dutt ने उठाया ऐसा कदम, 66 साल पहले रच दिया इतिहास
Guru Dutt Cult Classic Film Pyaasa: सुपरस्टार दिलीप कुमार ने 66 साल पहले एक्टर-डायरेक्टर गुरु दत्त के साथ कुछ ऐसा किया था, जिसकी आज भी चर्चा होती है. आइये जानते हैं पूरा मामला क्या है.
Guru Dutt Cult Classic Film Pyaasa: दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहा जाता है. वह एक टाइम में सिर्फ एक फिल्म करते थे और उसे अपना 100 फीसदी दिया करते थे. दिलीप कुमार ने अपने करियर में कई फिल्मों को ठुकराया है. एक बार तो उन्होंने फिल्म साइन कर ली थी लेकिन वह शूटिंग पर नहीं पहुंचे, जिसके बाद नाराज फिल्ममेकर ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे 66 साल पहले मूवी ने ना सिर्फ करोड़ों की कमाई की बल्कि कल्ट क्लासिक भी साबित हुई.
दिलीप कुमार ने 'प्यासा' के लिए मांगी इतनी मोटी रकम
दरअसल, गुरुदत्त 'प्यासा' फिल्म बना रहे थे. उन्होंने इसकी कहानी लिखी थी और डायरेक्शन का जिम्मा भी संभाल रहे थे. यहां तक कि उन्होंने फिल्म को प्रोड्यूस भी किया था. 'प्यासा' फिल्म के लिए गुरुदत्त ने उस दौर के सुपरस्टार दिलीप कुमार को अप्रोच किया, तो उन्होंने 1.5 लाख रुपये की फीस मांगी. इस पर गुरुदत्त ने उनसे फीस करने के लिए अपील की. फिर दिलीप कुमार ने कहा कि वह फीस की चिंता ना करे और फिल्म का डिस्ट्रीब्यूटर बनने की इच्छा जाहिर की.
'मैं यहां अपनी फिल्म बेचने के लिए नहीं आया हूं'
सत्या सरन की बुक 'टेन ईयर्स विद गुरु दत्त अबरार अल्वीज़ जर्नी' में इस घटना का उल्लेख है. दिलीप कुमार की डिस्ट्रीब्यूटबर बनने की बात गुरुदत्त को अच्छी नहीं लगी. उन्होंने दिलीप कुमार से कहा कि, 'मैं यहां अपनी फिल्म बेचने के लिए नहीं आया हूं. ये काम खुद कर लूंगा. मैं यहां डायरेक्टर के तौर पर आया हूं. मेरा मानना है कि अगर आप काम करेंगे, तो मैं एक बेहतर फिल्म बनाऊंगा.'
शूटिंग के लिए नहीं पहुंचे दिलीप कुमार
इसके बाद दिलीप कुमार फिल्म 'प्यासा' में काम करने के लिए राजी हो गए. पूरी टीम ने मुहूर्त शॉट तैयार किया. लेकिन दिलीप कुमार शूटिंग पर नहीं पहुंचे. फिर गुरुदत्त को पता चला कि दिलीप कुमार उसी परिसर में बीआर चोपड़ा के ऑफिस में बैठकर 'नया दौर' की स्क्रिप्ट को लेकर चर्चा कर रहे हैं. इस बीच 'प्यासा' के मुहूर्त का समय निकल गया. दिलीप कुमार ने कहा कि वह 10 मिनट में आएंगे, लेकिन मुहूर्त पर नहीं पहुंचे.
गुरुदत्त के एक फैसले ने रच दिया इतिहास
इस बात से नाराज होकर गुरुदत्त (Guru Dutt) ने खुद 'प्यासा' (Pyaasa) में हीरो का रोल निभाने का फैसला किया. मूवी में उनके अपोजिट वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) थीं. गुरुदत्त ने बड़ी संजीदगी से फिल्म में हीरो के किरदार को पर्दे पर उतारा था. साल 1957 में रिलीज होने के बाद 'प्यासा' बॉक्स ऑफिस पर छा गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'प्यासा' ने 3 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था, जो उस दौर में बहुत ज्यादा था. ये उस साल की हाईएस्ट ग्रोसिंग फिल्म साबित हुई थी.
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