जन्मदिन विशेष: ‘डॉन’ से लेकर ‘शराबी और ‘पिंक’ तक, अमिताभ बच्चन की इन फिल्मों के डॉयलॉग्स फैंस को याद हैं मुंहज़बानी
अब जब अमिताभ बच्चन अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो इस मौके पर हम उनके 10 दमदार और यागदगार डायलॉग्स को एक साथ आपके लिए लाए हैं.
नई दिल्ली: वर्तमान दौर में महानायक अमिताभ बच्चन को हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा कलाकार कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. उनका सिनेमाई करियर 50 साल से ज्यादा का है. इस दौरान उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया है और उनमें कई दर्जन फिल्में ऐसी हैं, जो दर्शकों के दिलों में सालों से बसी हुई हैं. पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से लेकर आखिरी रिलीज़ ‘बदला’ तक, अमिताभ हर फिल्म में कुछ अलग और कुछ नया करने की कोशिश करते आए हैं.
पांच दशक के अपने लंबे सिनेमाई सफर के दौरान अमिताभ बच्चन ने एक्शन, कॉमेडी, थ्रिलर, हॉरर और न जाने कितनी ही तरह की जॉनरा की फिल्मों में काम किया. लेकिन बिग बी का एंग्री यंग मैन वाला किरदार उनके फैंस को सबसे ज्यादा अनमोल है. ‘शोले’ से लेकर ‘दीवार’ और ‘कालिया’ तक में अमिताभ ने जिस एंग्री यंग मैन के किरदार को निभाया वो आज भी याद किया जाता है. इन्हीं किरदारों के कहे डायलॉग आज भी उनके फैंस को मुंहज़बानी याद हैं.
अब जब अमिताभ बच्चन 11 अक्टूबर कोअपना 77वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं, तो इस मौके पर हम उनके 10 दमदार और यागदगार डायलॉग्स को एक साथ आपके लिए लाए हैं.
पढ़ें, अमिताभ बच्चन के 10 सुपरहिट डायलॉग्स
फिल्म: शहंशाह रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, नाम है शहंशाह.
फिल्म: शराबी हां डैडी लेकिन आप एक बात भूल रहे हैं कि आप जैसे तमाम बटन वालों के ऊपर भी एक बैठा हुआ है, जिसके हाथ में मेन स्विच है, ज़िंदगी, तकदीर ये सब, असली करंट तो वहीं से आता है, उसने अगर किसी दिन मेन स्विच ऑफ कर दिया तो.
फिल्म: पिंक नो.. नो यॉर ऑनर, न सिर्फ एक शब्द नहीं, अपने आप में एक पूरा वाक्य है यॉर ऑनर... इसे किसी तर्क, स्पष्टीकरण, एक्सप्लेनशन या व्याख्या की जरूरत नहीं होती, न का मतलब न ही होता है, माई क्लाइंट सैड नो यॉर ऑनर, एंड दीज़ ब्वॉयज़ मस्ट रियलाइज, No का मतलब No होता है. उसे बोलने वाली लड़की कोई परिचित हो, फ्रेंड हो, गर्लफ्रेंड हो, कोई सेक्स वर्कर हो या आपकी अपनी बीवी ही क्यों न हो... No means No... एंड When समवन सेस सो.... यू Stop.”
फिल्म: अग्निपथ विजय दीनानाथ चौहान पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर 36 साल, 9 महीना 8 दिन ये..ये 16वां घंटा चालू है.
फिल्म: कालिया हम भी वो हैं जो कभी किसी के पीछे खड़े नहीं होते, जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है.
फिल्म: डॉन डॉन का इंतज़ार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन सोनिया, एक बात समझ लो, डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है.
फिल्म: अमर अकबर एंथोनी एइसा तो आदमी लाइफ में दोइच टाइम भागता है, ओलिंपिक का रेस हो या पुलिस का केस हो.
फिल्म: दीवार मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता.
फिल्म: ज़ंजीर ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं.
फिल्म: शोले अब क्या बताएं मौसी, लड़का तो हीरा है हीरा.
फिल्म: मुकद्दर का सिकंदर गोवर्धन सेठ समंदर में तैरने वाले कुओं और तालाबों में डुबकी नहीं लगाया करते.