Happy Birthday Gulzar: 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी', 'तेरे बिना जिंदगी से शिकवा' और 'ऐ अजनबी तू भी कभी' जैसे सदाबहार गाने लिखने वाले गुलजार को हर कोई जानता है. उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में बनाईं, गाने लिखे और शायरियां लिखीं कि वो हर किसी के दिल में बस गए. गुलजार दिखने में बेहद शांत स्वभाव के हैं लेकिन उनकी लाइफ में काफी उथल-पुथल रही है.


गुलजार इस साल अपना 90वां बर्थडे मना रहे हैं और ये फैंस के लिए बहुत ही बड़ी बात है. गुलजार की लाइफ में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन शादी के नाम पर उनकी किस्मत थोड़ी डिस्टर्ब रही. गुलजार की लाइफ में दूसरी शादी कैसे खत्म हुई, इसका एक किस्सा चलिए बताते हैं.


कौन हैं गुलजार?


18 अगस्त 1934 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में स्थित एक गांव दिना (अब पाकिस्तान) में संपूर्ण सिंह कालरा का जन्म हुआ था जिन्हें बाद में लोग गुलजार के नाम से जानने लगे. गुलजार के पिता माखन सिंह कालरा थे. आजादी के बाद इनके पिता परिवार के साथ बॉम्बे (अब मुंबई) आ गए और परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण गुलजार ने पढ़ाई छोड़ दी और छोटी-मोटी नौकरियां करने लगे थे.






इन जॉब्स के साथ ही गुलजार जगह-जगह कोई ना कोई लाइन लिखा करते थे जिसके लिए सभी उनकी शिकायत उनके पिता से किया करते थे लेकिन उनके पिता ने गुलजार के लेखन को समझा और उन्हें कलम गिफ्ट किया. इसके बाद उनका नाम गुलजार दीनवी रखा जो बाद में सिर्फ गुलजार रहा. गुलजार स्लोगन लिखा करते थे और खाली समय में कुछ शायरी या दूसरी चीजें लिखते थे. बाद में गुलजार ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और PWA यानी प्रोग्रेसिव राइटर्स असोसिएशन से जुड़े.


गुलजार का फिल्मी करियर


PWA संडे मीटिंग में बड़े-बड़े लेखक आया करते थे और यहां उनकी मुलाकात कई लेखकों से हुई. उस दौर के मशहूर लेखक शैलेंद्र और बिमर रॉय से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने गुलजार को ऋषिकेश मुखर्जी से मिलवाला और फिर गुलजार ने उनके लिए काम शुरू किया. बतौर गीतकार गुलजार ने फिल्म बंदिनी (1963) से शुरू किया. इसके बाद कई फिल्मों के लिए काम किया. साल 1971 में फिल्म गुड्डी के लिए गुलजार ने 'हमको मन की शक्ति देना' लिखा और ये गाना हिट भी हुआ, साथ ही भारत के ज्यादातर स्कूलों में सुबह की प्रेयर भी बन गई थी. गुलजार और आरडी बरमन काफी अच्छे दोस्त बन गए थे और इनकी जोड़ी ने इंडस्ट्री को कई यादगार गाने दिए हैं.


गुलजार और राखी का रिश्ता


फिल्म जीवन-मृत्यु (1970) के सेट पर गुलजार और राखी की मुलाकात हुई थी. यहां इनकी दोस्ती हुई और राखी गुलजार के प्यार में दीवानी हो गई थीं. गुलजार राखी से लगभग 13 साल बड़े हैं फिर भी उन्होंने उन्हें अपना सबकुछ मान लिया था. गुलजार ने शादी के पहले एक शर्त रखी कि राखी शादी के बाद फिल्मों में काम नहीं करेंगी और उन्होंने ये मान लिया क्योंकि उन्हें यकीन था कि गुलजार का मन बदलेगा.  साल 1973 में दोनों ने शादी कर ली और उन्हें एक बेटी मेघना गुलजार हुईं. शादी के लगभग एक साल बाद ही फिल्म आंधी (1975) की शूटिंग के दौरान संजीव कुमार, सुचित्रा सेन और गुलजार कश्मीर गए थे.






मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां राखी गुलजार को सरप्राइज देने पहुंचीं लेकिन उसी समय गुलजार सुचित्रा सेन के कमरे में थे. बताया जाता है कि गुलजार नशे में धुत सुचित्रा सेन को उनके कमरे तक पहुंचाने गए थे लेकिन राखी ने गलत समझा. इसके बाद दोनों के रिश्ते में आंधी आई और बिना तलाक लिए दोनों अलग हो गए. आज भी दोनों बेटी के कारण साथ रहते हैं लेकिन कपल के तौर पर नहीं.


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