नई दिल्ली: बॉलीवड की फिल्मों में संगीन से संगीन जुर्म करने वाले और साथ ही बड़े से बड़े बदमाशों को ठिकाने लगाने वाले लेजेंड्री एक्टर प्राण का आज जन्मदिन है. उनकी पैदाइश 12 फरवरी, 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान में हुआ था. प्राण का ख्वाब बॉलीवुड में आने का नहीं था बल्कि वो फोटोग्राफी के शौकीन थे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
प्राण ने अपनी जिंदगी में तकरीबन 380 फिल्मों में काम किया. वो बॉलीवुड के उन बेहतरीन अभिनेताओं में से थे, जिन्होंने हर तरह की फिल्में की. प्राण अपने विलेन के किरदारों को लेकर ज्यादा मशहूर हुए, लेकिन कॉमेडी और पॉजिटिव किरदारों में भी उनका कोई सानी नहीं था. प्राण की पैदाइश 12 फरवरी 1920 को हुई और उन्होंने 12 जुलाई 2013 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
प्राण के बर्थडे पर हम आपको उनके कुछ यादगार डायलॉग्स से रू-ब-रू करा रहे हैं
सनम बेवफा
शायद तू ये भूल गया के इस ज़मीन पर फतेह खां अकेला पैदा नहीं हुआ है. उसके साथ उसकी बला कि जिद भी पैदा हुई है. कहीं मेरी जिद किसी जिद पर आ गई, तो अपनी बेटी के रास्तों में पड़े हुए बेशुमार कांटो को तो मैं अपने दामन में समेट लूंगा, लेकिन तेरे रास्ते दहकते हुए अंगारों से भर दूंगा.
जंजीर
शेर खान शेर का शिकार नहीं करता, वैसे भी हमारे मुल्क में या तो शेर बहुत कम रह गए हैं, हमने सुना है कि हुकूमत ने भी शेर मारने की ममानियत कर दी है.
कालिया
जेल के सीन में प्राण जेलर और अमिताभ बच्चन कैदी की भूमिका में होते हैं.
प्राण कहते हैं, “कैदी नंबर 602”.
अमिताभ कहते हैं, “हाज़िर है.”
तभी प्राण कहते हैं, “सर झुका कर बात करो”
जिसके जवाब अमिताभ एंग्री यंग मैन के अंदाज में जवाब देते हैं, “ये सर किसी इंसान के सामने नहीं झुक सकता जेलर साब. झुकेगा तो उसकी चौखट पे या उसके दरबार में झुकेगा.”
बिग बी के इस जवाब पर प्राण कहते हैं, “बहुत खूब, मैं ऐसे ही सरों की कदर करता हूं.”
जंजीर
शेर खान आज का काम कल पर नहीं छोड़ता, अभी से सब कुछ बंद.
मजबूर
अगर तुमने मुझपर गोली चलाई तो तुमसे ज्यादा पागल और कोई नहीं होगा, इसलिए कि सिर्फ मैं जानता हूं कि तुम बेगुनाह हो.”
कालिया
हमारी जेल से संगीन से संगीन कैदी जो बाहर गया है उसने तुम्हारे उस दरबार में दुआ मांगी है तो यही दुआ मांगी है के अगर दोबारा जेल जाए तो रघुबीर सिंह की जेल में ना जाए.
यहां देखें प्राण के सभी बेहतरीन डायलॉग्स...