भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के चंद हमेशा याद रहने वाले नामों में से एक हैं राहुल देव बर्मन. जिनके नाम और काम से शायद ही कोई अनजान हो. पंचम दा के नाम से मशहूर आरडी बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था. उनकी प्रतिभा बचपन से ही नजर आने लगी थी.


राहुल देव बर्मन के बारे में प्रचलित कुछ कथाओं के मुताबिक उन्होंने अपना पहला गीत 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' बेहद कम उम्र में कम्पोज कर दिया था जिसे उनके पिता ने साल 1956 में आई फिल्म फंटूश में इस्तेमाल किया था. इसके अलावा अगले ही साल रिलीज हुई गुरुदत्त की कालजयी फिल्मों में शुमार की जाने वाली प्यासा का बेहद लोकप्रिय गीत 'सिर जो तेरा चकराए' भी राहुल द्वारा ही कम्पोज किया गया था.



पंचम दा द्वारा माउथ ऑर्गन बजाने का शानदार और बेहद कर्णप्रिय प्रदर्शन उनके पिता के मशहूर गीत 'है अपना दिल तो आवारा...' में सुनाई देता है, जो वर्ष 1958 में रिलीज़ हुई देव आनंद की फिल्म 'सोलहवां साल' में इस्तेमाल किया गया था.


इसके अलावा उनका नाम 'चलती का नाम गाड़ी' (1958), 'काग़ज़ के फूल' (1959), 'तेरे घर के सामने' (1963), 'बंदिनी' (1963), 'ज़िद्दी' (1964), 'गाइड' (1965) और 'तीन देवियां' (1965) में भी संगीत सहायक के रूप में देखा जा सकता है.


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