(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Happy Birthday Reema Lagoo: रीमा लागू ने अपनी मौजूदगी से बदला हिंदी सिनेमा में मां के किरदारों की परंपरा
हिंदी सीनेमा की एक पारंपरिक मां के सामान्य चरित्र के विपरीत रीमा लागू ने अपने किरदारों से इस परंपरा को तोड़ा है. पहले वक्त में बनी हिंदी सिनेमा की मां जो उदास है और सफेद साड़ी पहने हुए है और जो आंसू बहाती है, रीमा ने अपने पात्रों के माध्यम से इस परंपरा को बदल दिया.
बॉलीवुड में कई बेहतरीन और हिट फिल्में देने वाली रीमा लागू अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनका जन्म 21 जून 1958 को हुआ था. उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है. उनकी मां मंदाकनी भदभड़े मराठी सिनेमा की प्रसिद्ध कलाकार थीं, इसलिए बचपन से ही रीमा का भी अभिनय की ओर रुझान हो गया. उन्होंने अपने बेहतरीन किरादारों से फिल्मों नाम कमाया. वह फिल्मों में मां के किरदार निभाने के लिए जानी जाती हैं.
हिंदी सीनेमा की एक पारंपरिक मां के सामान्य चरित्र के विपरीत रीमा लागू ने अपने किरदारों से इस परंपरा को तोड़ा है. पहले वक्त में बनी हिंदी सिनेमा की मां जो उदास है और सफेद साड़ी पहने हुए है और जो आंसू बहाती है, रीमा ने अपने पात्रों के माध्यम से इस परंपरा को बदल दिया. अपने जीवंत किरदारों में उन्होंने मुस्कुराती हुई आधुनिक मां का प्रतिनिधित्व किया. वह अक्सर शो में, फिल्मों में, मुस्कुराती हुई मां के रूप में देखी जाती थीं. उन्होंने फिल्म 'हम साथ साथ हैं' में सलमान खान की मां की भूमिका निभाकर काफी सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने 'क़यामत से कयामत तक' में जूही चावला का तो वहीं 'हम आपके हैं कौन' में माधुरी दीक्षित के मां के किरदार में नजर आई थीं.
रीमा ने मराठी थिएटर से अपनी शुरुआत की और 1979 में फिल्म 'सिंहासन' से मराठी सिनेमा में अपनी शुरुआत की. वर्ष 1980 में, उन्होंने फिल्म 'कलयुग' से सह-अभिनेत्री के रूप में हिंदी सिनेमा में कदम रखा और उसके बाद, वह हिट फिल्में देती गईं. अभिनेत्री रीमा का 18 मई 2017 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
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