नई दिल्ली: वो रेखा जिनकी ज़िंदगी हमेशा सुर्खियों में रही. जिनके सच्चे प्यार की तलाश तो कभी पूरी नहीं हुई. लेकिन संघर्ष, विवादों, रिश्तों की उलझनों के बीच भी रेखा बतौर अभिनेत्री लगातार अपनी पहचान बुलंद करती रहीं. 10 अक्टूबर यानि आज रेखा का 63वां जन्मदिन है. इसी मौके पर आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी 25 बेहद दिलचस्प कहानियां-
- तमिल फिल्मों के सुपरस्टार जैमिनी गणेशन और अभिनेत्री पुष्पावली की बेटी भानुरेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को चेन्नई में हुआ था. विवाद और अकेलापन जन्म से ही उनके साथ जुड़े रहे. रेखा के जन्म के समय उनके माता पिता की शादी नहीं हुई थी और उनके पिता ने उनके बचपन में उन्हें अपनी संतान के रूप में स्वीकार नहीं किया था.
- जब बढ़ती उम्र में रेखा की मां पुष्पावल्ली को फिल्मों में काम मिलना बंद हुआ तो घर के आर्थिक हालात बिगड़ गए और 13 साल की रेखा को फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा. एक इंटरव्यू में रेखा ने कहा, “जब मैं नौवीं क्लास में थी तो मेरी पढ़ाई रोक दी गई. मुझे काफी वक़्त तक भी ये मालूम नहीं था कि मेरी मां पर कितना कर्ज चढ़ा हुआ है...मैं फिल्मों के सेट पर जाने से इंकार करती थी तो अक्सर मेरा भाई मुझे पीटता था.”
- 1969 में रेखा अपनी मां के साथ हिंदी फिल्मों में किस्मत आज़माने मुंबई आ गईं. यहां उन्होंने पहली फिल्म अंजाना सफ़र साइन की जिसके हीरो बिस्वजीत थे. लेकिन पहली शूटिंग में ही बड़ा विवाद हो गया.रेखा के मुताबिक उनके और बिस्वजीत के बीच एक किसिंग सीन की जानकारी उन्हें नहीं दी गयी थी. जैसे ही निर्देशक ने एक्शन बोला बिस्वजीत ने रेखा को किस कर लिया. रेखा सन्न रह गयीं. इस धोखे पर उनके आंसू निकलते रहे. मगर 14 साल की रेखा को डर भी था कि अगर हंगामा करेंगी तो शायद उनका करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाए.
- रेखा ने पहली रिलीज़ फिल्म थी सावन भादों जिसमें नवीन निश्चल उनके हीरो थे. फिल्म में रेखा के सांवले रंग, ज़्यादा वजन और कमज़ोर हिन्दी का खूब मज़ाक उड़ाया गया. लेकिन सावन भादों खूब हिट रही, ख़ासतौर पर उसके गीत. रेखा का करियर चल निकला और उन्होंने कई फिल्में साइन कर लीं.
- शुरुआत की कुछ फिल्मों में रेखा के हीरो जीतेन्द्र थे. फिल्म एक बेचारा की शूटिंग के समय दोनों के अफेयर की खबरें आने लगीं.रेखा के मुताबिक उन्हें जीतेन्द्र से प्यार हो गया था. लेकिन कहते हैं कि जीतेन्द्र अपनी गर्लफ्रेंड को छोड़ने को तैयार नहीं थे. इसी बात को लेकर उनके और रेखा के बीच झगड़े होने लगे और फिर 1973 की फिल्म अनोखी अदा की शूटिंग के दौरान दोनों का ब्रेकअप हो गया.इसके बाद रेखा की ज़िंदगी में हुई अभिनेता विनोद मेहरा की एंट्री. दोनों में प्यार हो गया. रेखा विनोद मेहरा के साथ नज़र आतीं. वहीं विनोद की मम्मी कमला मेहरा विनोद के साथ उनके रिश्ते के खिलाफ थीं. 1973 के अंत में कई फिल्म मैगज़ीन्स में खबर छपी कि विनोद मेहरा और रेखा ने कलकत्ता के पार्क सर्कस इलाके के एक मंदिर में शादी कर ली है.
- शादी के बाद जैसे ही दोनों मुंबई में विनोद के घर पहुंचे हंगामा खड़ा हो गया. खबरें छपीं कि विनोद की मम्मी ने रेखा घर में घुसाने तक से इंकार कर दिया.खबरों के मुताबिक गुस्से में उन्होंने अपने पैर से चप्पल तक निकाल ली थी. रेखा सन्न थीं. विनोद उन्हें उनके घर तक छोड़ आए और कहा कि जब उनकी मम्मी का गुस्सा शांत हो जाएगा तब उन्हें ले आएंगे.
- रिश्ते पर ऐसे दबाव के चलते विनोद और रेखा के रिश्ते में दरार आ गयी. आखिरकार दोनों अलग हो गए. हालांकि सालों बाद सिमी ग्रेवाल के टीवी शो में रेखआ ने विनोद के साथ शादी की बात से ही इंकार कर दिया और कहा कि वो बस उनके करीबी दोस्त थे.
- विनोद के बाद रेखा का नाम जुड़ा अभिनेता किरण कुमार से. रेखा प्यार से विनोद मेहरा को विन-विन पुकराती थीं और अब किरण कुमार को प्यार में उन्होंने नाम दिया किन-किन. किरण कुमार के साथ उनकी शादी तक की बातें होने लगीं थी लेकिन कहते हैं किरण कुमार के पिता अभिनेता जीवन ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया. रेखा का ये रिश्ता भी शादी की मंज़िल तक नहीं पहुंच सका.
- फिर 1976 की फिल्म दो अंजाने के साथ रेखा की ज़िंदगी में आए अमिताभ बच्चन. हालांकि इस वक्त तक अमिताभ और जया भादुड़ी की शादी को तीन साल हो चुके थे. लेकिन इसके बावजूद आने वाले सालों तक रेखा का नाम लगातार अमिताभ के साथ जुड़ता रहा. दोनों ने साथ में मुकद्दर का सिकंदर, खून पसीना जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में साथ काम किया.
- रेखा के मुताबिक अमिताभ के साथ संपर्क में आने के बाद उनकी कायापलट हो गया. जो रेखा काम को लेकर बिलकुल सीरियस नहीं थी, वो अब बदलने लगीं. अपने लुक्स और स्टाइल के साथ साथ वो काम को लेकर भी गंभीर हो गयी. बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में उनका शुमार होने लगा. फिल्म घर और खूबसूरत में उनके अभिनय की बेहद तारीफ की गयी.
- 1980 में यश चोपड़ा की सिलसिला में तो अमिताभ, रेखा के साथ साथ जया बच्चन भी नज़र आयीं. सिलसिला देखकर दर्शकों को भी ऐसा लगा जैसे ये किरदार पर्दे पर अपनी असली ज़िंदगी जी रहे हैं.
- लेकिन सिलसिला फ्लॉप रही औरे अमिताभ-रेखा की जोड़ी की आखिरी फिल्म साबित हुई. 13. कहते हैं 1983 में फिल्म कुली के हादसे के बाद अमिताभ और रेखा एक दूसरे से दूर हो गए थे. हालांकि रेखा का करियर इस दौरान कामयाबी के शिखर पर गया. उन्होंने अपने करियर की बेहतरीन फिल्म उमराव जान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.
- 1988 में उन्होंने बिना किसी हीरो के खून भरी मांग जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म दी और अपने अभिनयके लिए फिर अवॉर्ड जीता. (एंबिएंस- खून भरी मांग) इसके बाद उन्होंने कई ऐसी फिल्में साइन कर ली जिसमें कहानी के केन्द्र में हीरो नहीं बल्कि वो खुद ही थीं.
- कहने को तो रेखा और अमिताभ सिलसिला के बाद पर्दे पर एकसाथ कभी नज़र नहीं आए लेकिन अमिताभ की कई फिल्में जैसे याराना और आखिरी रास्ता में नीतू सिंह और श्रीदेवी जैसी अमिताभ की हीरोइनों को रेखा ने अपनी आवाज़ दी. ये सिलसिला फिल्म सूर्यवंशम में भी जारी रहा जिसमें अमिताभ ने डबल रोल निभाए थे और उनके साथ दोनों हीरोइनों को रेखा ने ही अपनी आवाज़ दी.
- अमिताभ-रेखा की नज़दीकियों की खबरें लगातार फिल्म मैगज़ीन्स में छपती रहीं. लेकिन कहते हैं कि रेखा शादी और परिवार चाहती थीं. और इन नज़दीकियों का उन्हें कोई भविष्य नज़र नहीं आ रहा था.
- 1990 में रेखा की ज़िंदगी में आए दिल्ली के युवा बिज़नेसमैन मुकेश अग्रवाल. दोनों में मुलाकातें हुईं और प्यार हो गया.और फिर मुलाकात के एक महीने बाद ही 4 मार्च 1990, मुकेश ने रेखा को प्रोमोज़ कर दिया और फिर उसी रात 37 साल के मुकेश और 36 साल की रेखा ने जूहू के मुक्तेश्वर देवालय मंदिर में शादी कर ली. रेखा गणेशन रेखा अग्रवाल बन गईं.
- शादी के कुछ दिन बाद ही रेखा को पता चला कि मुकेश डिप्रेशन के मरीज़ थे. इस शादी से रेखा और मुकेश की उम्मीदें भी अलग अलग थीं. रेखा ने धीरे-धीरे मुकेश से दूरी बढ़ानी शुरू की तो मुकेश ने रेखा को फिल्में छोड़ने के लिए कहा. शादी के कुछ महीनों में ही रिश्तें में दरार पड़ने लगी.
- लंबी बहसबाज़ी और झगड़ों के चलते, शादी के करीब 6 महीने बाद ही, सितंबर 1990 में, दोनों ने आपसी सहमति तलाक का फैसला कर लिया. इसके कुछ दिन बाद, 26 सितंबर को रेखा एक स्टेज शो में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका चली गई. लेकिन जो रास्ता मुकेश अग्रवाल ने चुना वो सबके दिलों में कभी ना भरने वाला एक गहरा ज़ख़्म छोड़ गया.
- 2 अक्टूबर 1990 को मुकेश ने अपने फार्महाउस में रेखा का दुपट्टे से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. हालांकि अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है.
- लेकिन हर जगह मुकेश की मौत का ज़िम्मेदार रेखा को ठहराया गया. उन दिनों रिलीज़ रेखा की फिल्म शेषनाग के पोस्टरों पर कालिख लगा दी गयी. उन्हें पति की हत्यारिन पुकारा जाने लगा. रेखा मुकेश के अंतिम संस्कार में भी नहीं आई.
- मुकेश की मौत के दो महीने बाद एक इंटरव्यू में रेखा ने कहा कि अगर दो लोग साथ खुश नहीं हैं तो तलाक़ लेने में कोई बुराई तो नहीं. उन्होंने कहा कि मुकेश की मौत की जिम्मेदार वो नहीं हैं. इस घटना के बाद रेखा ने कभी शादी नहीं की.
- इसके बाद रेखा का करियर भी ढलान पर आने लगा. 1996 में उन्होंने फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी में खलनायिका की भूमिका निभायी और अक्षय कुमार के साथ उनका ये बोल्ड गीत बहुत चर्चा में रहा . फिल्म की रिलीज़ के समय अक्षय के साथ रेखा के अफेयर के चर्चे भी खूब हुए.
- अपनी दूसरी पारी में भी रेखा ने कई बढ़िया परफॉरमेंस के ज़रिए अपनी छाप छोड़ी. फिल्म ज़ुबैदा, लज्जा, आस्था और कोई मिल गया उनकी उल्लेखनीय फिल्में रहीं. खास बात ये रही कि 2015 की फिल्म शमिताभ में रेखा मेहमान भूमिका में दिखीं. फिल्म के एक सीन में फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन की आवाज़ की तारीफ करती नज़र आती हैं- फिल्म के निर्माता अभिषेक बच्चन थे.
- 2012 में रेखा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया. लेकिन जो बात सुर्खियों में आयी वो ये थी राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन को जब पता चला कि उनकी सीट रेखा के पास होगी, तो जया ने उसे तुरंत बदलवा लिया. ये खबर राज्यसभा में सिलसिला की सुर्खियों के साथ खूब चर्चा में रही.
- रेखा अब बहुत कम फिल्मों में काम करती हैं. पिछले कुछ सालों में उनकी फिल्में कुड़ियों का है ज़माना, सदियां और सुपर नानी फ्लॉप रहीं लेकिन रेखा को लेकर लोगों की दिलचस्पी कम नहीं होती. चाहे अवॉर्ड फंक्शन हों या फोटोसेशन उनकी कांजीवरम साडियों और खूबसूरती की चर्चा होती रहती है. रेखा का जादू आज भी बरकरार है.
यहां देखें रेखा की 25 कहांनियां-