मुंबई: फिल्म 'दंगल' की अभिनेत्री जायरा वसीम को खुद को पर्दे पर देखना पसंद नहीं है. उनका कहना है कि इसे लेकर वह संकोच महसूस करती हैं. युवा लेखिका जूनी चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान जायरा ने कहा, "मुझे अपने आप को पर्दे पर देखना पसंद नहीं है. यह खीझ दिलाने वाला और संकोच पैदा करने वाला होता है. मैं अपना इंटरव्यू कभी नहीं देखती. मैं अपनी फिल्म भी देखने से डरती हूं."
अभिनय से जुड़ी चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह एक नई कलाकार हैं और चुनौतियों के बारे में नहीं जानती हैं. वह आंखें मूंदकर निर्देशक के निर्देशों का पालन करती हैं.
जायरा कहती हैं कि यह पटकथा लेखक के ऊपर निर्भर करता है, जो यह फैसला करता है कि कलाकारों को क्या करना चाहिए. उनका मानना है कि सारा श्रेय लेखकों को मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर 'दंगल' की पटकथा शानदार नहीं होती तो वह अच्छी अभिनेत्री नहीं कहलातीं. जम्मू एवं कश्मीर में जन्मी और पली-बढ़ी 16 साल की जायरा का कहना है कि काम के प्रति प्यार के चलते वह बिजी कार्यक्रम के बावजूद समय निकाल लेती हैं.
यह पूछे जाने पर कि वह मुश्किल सीन के लिए खुद को कैसे तैयार करती हैं, तो उन्होंने कहा कि भावनात्मक या मुश्किल सीन की तैयारी के लिए समय लेती हैं. एक अंधेरे कमरे में बैठकर आगे क्या आने वाला है, इस बारे में सोचती हैं.