Intimate Scenes: फिल्मों और वेब सीरीज को आज के समय में बिना किसिंग या इंटीमेट सीन्स के अधूरा माना जाता है. लोग आज के समय में ऐसा ही कंटेंट देखना पसंद कर रहे हैं जिसमें इंटीमेट सीन्स भर-भरकर हो. जब तक फिल्मों में बोल्ड सीन्स नहीं होते हैं तब तक ये हिट नहीं होती है और ना ही इसके बारे में प्रमोशन के दौरान बात होती है.
इंटीमेट सीन्स को रियल दिखाने की होड़ एक अलग शुरू हो गई है मेकर्स में. जिसकी वजह से डायरेक्टर्स के लिए इन सीन्स को शूट करना मुश्किल होता जा रहा है. इसे शूट करना ने डायरेक्टर और ना ही एक्टर्स के लिए आसान होता है. इन सीन्स के दौरान एक्टर्स अपने इमोशन्स पर कैसे कंट्रोल रखें इसके लिए एक वर्कशॉप की जाती है. आइए आपको इस बारे में बताते हैं.
आज के समय में इंटीमेट सीन्स करने से पहले एक्टर्स की रिहर्सल होती है. जिसमें उन्हें एक वर्कशॉप में भेजा जाता है. जहां पर वो अपने इमोशन्स को कंट्रोल करना सीखते हैं. इस तरह की वर्कशॉप को खासतौर पर ऑर्गनाइज किया जाता है और इसे इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर ऑर्गनाइज करता है.
क्या काम करता है इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर
इंटीमेट सीन्स से पहले एक्टर्स को वर्कशॉप में भेजा जाता है. जहां सबसे पहले उनसे उनकी इच्छा और लिमिट के बारे में बात की जाती है. जैसे कि वो किस लेवल तक सीन्स शूट कर सकते हैं.
जब एक्टर्स अपनी लिमिट कॉर्डिनेटर को बता देते हैं. उसके बाद उन्हें समझाया जाता है कि सीन शूट होते समय उन्हें कैसे रिएक्ट करना है ताकि सीन परफेक्ट हो. उन्हें समझाया जाता है कि अगर आपको कुछ गलत लग रहा है तो तुरंत कट बोल दें या अपनी बॉडी को फ्रीज कर दें जिससे डायरेक्टर को पता चल जाए.
इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर ही इस तरह के सीन्स को डिजाइन करते हैं. वो एक्टर्स से बात करने के बाद इन सीन्स को इस तरह से डिजाइन करते हैं जिससे एक्टर्स को असहज महसूस ना हो. आज के समय में सारे इंटीमेट सीन्स कोॉर्डिनेटर की देखरेख में ही शूट होते हैं.
इस तरह के पहनने होते हैं कपड़े
इंटीमेट सीन्स शूट करते समय एक्टर्स को कुछ कपड़े पहनने होते हैं जिसे इंटीमेसी किट कहते हैं. उसके बाद इस तरह के सीन्स को 4-5 लोगों की मौजूदगी में शूट किया जाता है. आर्टिस्ट, डायरेक्टर, कैमरामैन और इंटीमेस को-ऑर्डिनेटर इस दौरान सेट पर मौजूद होते हैं.
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