नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बॉलिवुड के सबसे प्रतिभाशाली कलाकारों में की जाती है. उन्होंने इतने अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं कि आम लोगों के साथ-साथ फिल्म समीक्षक भी हैरान हो जाते हैं कि वह खुद को इतना कैसे बदल लेते हैं.


नवाज के निभाए गए अलग-अलग किरदारों की बात करें तो गैंग्स ऑफ वासेपुर का फैजल खान, मंटो में सआदत हसन मंटो का रोल, मांझी द माउंटेनमेन में जीतन राम मांझी का रोल और ठाकरे में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का रोल उनके सर्वश्रेष्ठ कामों में गिने जाते हैं.


अपने अभिनय की इस रेंज के पीछे के सीक्रेट को नवाज ने खुद ही बताया है.  इन दिनों नवाजुद्दीन सिद्दीकी का एक वीडियो यू ट्यूब पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने संघर्ष के दिनों में बात कर रहे हैं. इस स्पीच में ही उन्होंने अलग-अलग किरदारों को निभाने का नुस्खा भी बताया है. नवाज बताते हैं संघर्ष के दिनों में फिल्मों में उन्हें करने के लिए सिर्फ कुछ सेकेंड का रोल ही मिलता था, उसके बाद लंबे समय तक कोई काम नहीं होता था.


नवाज कहते हैं, “एक चीज थी लोगों के बीच में रहते थे, लोगों के बीच में रहने से यह अहसास हुआ हमें यहां तरह-तरह के लोग हैं लेकिन हमारी इंडस्ट्री में सिर्फ एक ही तरह की एक्टिंग होती है. मुझे लगा कि मैं तो ट्रेंड भी हूं (नवाज ने दिल्ली स्थित एनएसडी से एक्टिंग का कोर्स किया था) मुझे अपनी आर्ट आती है और हजारों लोगों को मैं ऑब्जर्व भी कर रहा हूं...तो यह तो सबसे अच्छा सूत्र है, इससे तो मैं बहुत कुछ कर जाऊंगा.”


नवाज बताते हैं, “ जब यह सूत्र पता चला कि जो हजारों लोगों को मैंने ऑबर्ज्व किया है. अब जब भी मुझे कोई रोल मिलेगा तो उन्हीं में से वो एक इंसान होगा, उसी में बाला साहब ठाकरे होंगे, उसी में मंटो होगा, उसी में गणेश गायतोंडे होगा, उसी में फैजल खान होगा, उसी में माजूमदार साहब होंगे. ये कब हुआ जब हमने लोगों को ऑबर्ज्व करना शुरू किया. लोगों के बीच में रहे.“


नवाज के मुताबिक जब आप स्ट्रगल कर रहे हों तो आपके पास एक मौका होता है कि कैसे आपका ऑब्जर्वेशन और अनुभव जो आपको इस दौरान मिला है वो अपने काम में लगाएंगे आप, जब भी वह आपको मिलेगा.


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