How Ashirwad Bungalow Became Haunted: अमिताभ बच्चन के जलसा से लेकर शाहरुख खान के मन्नत तक, हम लोग अक्सर सेलेब्स के लैविश बंगलों के बारे सुनते रहते हैं. उन बंगलों की एक झलक पाने के लिए फैंस बेताब रहते हैं. सितारों के ये बंगले किसी टूरिस्ट स्पॉट से कम भी नहीं होते हैं. इसी कड़ी में मुंबई के कार्टर रोड पर एक बंगला हुआ करता था ‘आशीर्वाद’. जी हां वही आशीर्वाद जो कभी राजेश खन्ना का आशियाना था. लेकिन एक समय ऐसा आया जब इसे भुतहा कहा जाने लगा. 


राजेश खन्ना से पहले इसके कई मालिक बने, लेकिन सुपरस्टार की मौत के बाद आखिरकार बंगले को कौड़ियों के भाव बेचना पड़ा. ऐसा क्यों हुआ, चलिए आपको बताते हैं. 


सबसे पहले भारत भूषण बने बंगले के मालिक
कहा जाता है कि 1950 के दशक में दो फिल्मी हस्तियों के बड़े बंगले हुआ करते थे. पहला बंगला नौशाद का ‘आशियाना’ था. वहीं दूसरा बंगला ‘आशीर्वाद’ था. शुरुआत में यह सी-फेसिंग बंगला एक एंग्लो-इंडियन परिवार के पास था, जिसे 1950 के दशक में अभिनेता भारत भूषण ने खरीदा. उस दौर में भारत भूषण की मिर्जा गालिब, बैजू बावरा, बरसात की रात जैसी कई फिल्में खूब सफल हुईं. इसके बाद जब फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह भारी कर्ज में डूब गए. भारत भूषण को वह बंगला छोड़ना पड़ा. इसी के बाद से ये कहानियां सामने आईं कि बंगला शापित है और जो इसमें रहेगा वो बर्बाद हो जाएगा. 




राजेन्द्र कुमार ने 60 हजार में खरीदा बंगला
1960 के दशक में जब राजेन्द्र कुमार को पता चला कि यह बंगला सिर्फ 60 हजार में मिल रहा है तो उन्होंने इसे खरीद लिया. उन्होंने इसे अपनी बेटी डिंपल के नाम पर रखा. बाद में जब राजेन्द्र कुमार ने एक और बंगला खरीदा तो उसका नाम भी डिंपल रख दिया. यह बंगला अभिनेता के लिए लकी साबित हुआ और उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं. लेकिन बाद में 1968 में उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं और वह सपोर्टिंग रोल पर उतर आए. आखिरकार राजेन्द्र कुमार को भी यह बंगला बेचना पड़ा. 




‘डिंपल’ को राजेश खन्ना ने बनाया ‘आशीर्वाद’
70 के दशक में अपने उभरते हुए करियर के दौरान राजेश खन्ना ने इस बंगले को सिर्फ 3.5 लाख रुपये में खरीदा. इस बंगले में आने के बाद राजेश खन्ना की किस्मत और चमक गई. उन्होंने एक के बाद एक लगातार 17 हिट फिल्में दीं. राजेश खन्ना ने बाद में इस बंगले का नाम डिंपल से बदलकर आशीर्वाद कर दिया. यह बंगला मुंबई में फैंस के आकर्षण का केन्द्र बना. राजेश खन्ना के साथ भी आखिर में वही हुआ जो बाकी लोगों के साथ हुआ.




जब राजेश खन्ना की जगह आए अमिताभ 
70 के दशक में उनकी फिल्में चलनी बंद हो गईं और उनकी जगह सुपरस्टार बनकर छाए अमिताभ बच्चन. राजेश खन्ना की पत्नी डिंपल कपाड़िया भी बच्चों के साथ अलग रहने लगीं. अब जब राजेश खन्ना के पास कोई काम नहीं बचा तो वह लिंकिंग रोड वाले ऑफिस में वक्त बिताने लगे पर सभी के जैसे उन्होंने बंगला बेचा नहीं. वह मरते दम तक उसी में रहे. हालांकि फिर उनके निधन के बाद बच्चों ने बंगले को एक बिजनेस मैन के हाथों 90 करोड़ रुपये में बेच दिया. रिपोर्ट्स की मानें तो उस वक्त बंगले की कीमत 225 करोड़ रुपये थी. बाद में उस बिजनेस मैन ने 2016 में आशीर्वाद को तोड़कर नई बिल्डिंग बना दी.


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