कंगना रनौत स्टारर फिल्म 'पंगा' भले ही बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है लेकिन इसकी निर्देशक का मानना है कि इसके जरिए समाज में एक खास मैसेज जरूर पहुंचा है. निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी का कहना है कि नए दौर में दंपति एक-दूसरे से किसी भी चीज की तुलना में सबसे अधिक साथ और प्रोत्साहन की आशा रखते हैं.


अश्विनी ने कहा, "इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि शादी के बाद अगर महिलाएं अपनी नौकरी जारी रखना चाहती हैं, तो उनकी अब उतनी बुरी तरह से आलोचना नहीं होती है, लेकिन फिर भी उनके लिए एक सीमा निर्धारित है.''


उन्होंने कहा, ''यदि आप एक पत्नी और एक मां हैं, साथ ही एक स्कूल शिक्षिका भी हैं, तो ठीक है. घर की महिला एक निश्चित समय पर घर वापस आ जाएगी और घर की देखभाल करेगी, क्योंकि एक महिला का यह कर्तव्य होने के साथ ही उससे यह उम्मीद भी की जाती है. शायद इसलिए जब एक महिला मां बनती है तो उसका यही मानना होता है कि बच्चे का पालन-पोषण करना ही उसका सपना है, और अन्य लक्ष्य के बारे में सोचना तार्किक रूप से गलत है. हालांकि शहरी जीवन-शैली में इस चीज में बदलाव आ रहा है."


यहां आपको बता दें कि 'पंगा' फिल्म का प्रमुख किरदार जया, जो कि एक कबड्डी चैंपियन होती है, वह भी शादी के बाद और मातृत्व का सुख प्राप्त करने के बाद 32 साल की उम्र में फिर से खेल में वापसी करती है.


अश्विनी तिवारी का कहना है कि नए दौर के दंपत्तियों को, जो मेट्रो सिटी में रहते हैं, उन्हें यह अहसास है कि आज के दौर में जीवन यापन महंगा है और पुरुषों को भी अहसास है कि शादीशुदा दोनों महिला-पुरुष का काम पर जाना जरूरी है.