उन्होंने कहा कि दिए गए बजट में फिल्म खत्म करने के लिए प्री-प्रोडक्शन पर अधिक समय देना जरूरी है. उन्होंने कहा, "मैंने कई सालों तक सहायक के रूप में काम किया है और मैंने एक फिल्म बनाई जो 'हंप्टी..' से पहले रिलीज नहीं हुई. मैंने इसमें बहुत पैसा खो दिया. इसने मुझे सिखाया कि फिल्म बनाने के दौरान क्या नहीं करना चाहिए. शायद यही वजह है कि मैं फिल्म बनाने में जल्दबाजी नहीं करता. फिल्म लिखने में ज्यादा समय देता हूं."
शशांक खेतान ने कहा, "मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता हूं कि जिस फिल्म का मैं निर्देशन कर रहा हूं, उस फिल्म पर लगाया गया मेरे निर्माता का पैसा बर्बाद नहीं हो."
उन्होंने कहा, "मैं इस तरह से एक फिल्म का बजट निर्धारित करता हूं ताकि यह असफल न हो. मैं हर विवरण पर काम करता हूं, ताकि जब मैं फिल्म सेट पर जा रहा हूं, तो सिर्फ क्रियान्वयन की बात हो."