नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि वह किसी विचारधारा की पैरवी नहीं करते क्योंकि इससे एक कलाकार के तौर पर उनका विकास रुक सकता है. शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे की जीवनी पर आधारित फिल्म ‘ठाकरे’ में वह बालासाहेब की भूमिका में नजर आएंगे. 1960 के दशक में ठाकरे ने ‘‘महाराष्ट्र, महाराष्ट्र वालों के लिए’’ नारे को बुलंद किया था.

नवाजुद्दीन ने कहा कि ऐसी कोई भी विचारधारा किसी कलाकार के विकास को बाधित कर सकती है. अभिनेता ने कहा, ‘‘मेरी कोई विचारधारा, दर्शन या ऐसी कोई राय नहीं है. मैं जल्दी से कोई धारणा बनाने वाला व्यक्ति नहीं हूं. मैं एक कलाकार हूं और मेरा काम उन किरदारों को निभाना है जो मुझे उत्साहित करें. अगर मेरी कोई एक विचारधारा होगी तो इससे एक कलाकार के तौर पर मेरा विकास बाधित होगा.’’



विवादों से लगता है डर

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में अपनी अपकमिंग फिल्म 'ठाकरे' के प्रमोशन के दौरान बताया, ‘‘ मैं एक अभिनेता हूं और सिर्फ काम करना चाहता हूं. मैं किसी के बारे में और मेरे अपने जीवन में क्या हो रहा है, इस बारे में बात नहीं करना चाहता हूं. मैं नहीं चाहता हूं कि लोग इन चीजों पर ध्यान लगाएं. मैं अपने काम की वजह से लोकप्रिय हुआ हूं इसलिए सिर्फ काम पर ही ध्यान लगाना चाहता हूं.' फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी पर ‘मी टू’ मुहिम के दौरान लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस पर कोई बात नहीं करना चाहता. बेवजह का फिर से बखेड़ा क्यों खड़ा किया जाए.'



नवाजुद्दीन ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह खुशकिस्मत हैं कि उन्हें अलग-अलग तरह के किरदार निभाने को मिल रहे हैं. अभिनेता ने बालासाहेब से पहले उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो का किरदार भी बड़े पर्दे पर निभाया था. फिल्म ‘ठाकरे’ इस शुक्रवार बड़े पर्दे पर रिलीज होगी.

‘ठाकरे’ इस शुक्रवार 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म में उनके साथ अमृता राव भी हैं.