कंगना रनौत का कहना है कि उन्हें अपनी जिंदगी में बिना लड़े कुछ हासिल नहीं हुआ है और वह नहीं चाहती कि जिस तरह उन्होंने अपनी जिंदगी जी है उस तरीके से उनके बच्चे भी जिए. कंगना अपनी फिल्म 'मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी' के पूरा होने पर एक पार्टी में मीडिया से मुखातिब हुईं.


जब कंगना से पूछा गया कि क्या आप अपनी शख्सियत और रानी लक्ष्मीबाई में कुछ समानताएं पाती हैं?, इस पर उन्होंने कहा, "मुझे लगता है उनकी जिंदगी बहुत दुखदायक थी और उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया था. यह उस तरह की जिंदगी नहीं है, जिसे आप किसी के लिए मांगते हैं, विशेषकर उन्हें जिसे आप पसंद या फिर प्यार करते हों."


उन्होंने कहा, "इसी तरह, मैं नहीं चाहती कि मेरे बच्चों को मेरी जैसी जिंदगी जीनी पड़े. मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन जब से मैं पैदा हुई तब से मुझे लड़ाई लड़नी पड़ी और मेरे व उनके (रानी लक्ष्मीबाई) के बीच यही एक समानता है. मुझे मेरे जिंदगी में बिना लड़े कुछ नहीं मिला लेकिन मुझे न तो इस पर गर्व है और न ही शमिर्ंदगी."


कंगना ने कहा, "मैं अपनी जिंदगी के तरीके से संतुष्ट हूं, लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे कि क्या मैं अपने बच्चों के लिए भी ऐसा ही चाहती हूं, तो मेरा जवाब 'नहीं' होगा." 'मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी' को भी बहुत कठनाइयों का सामना करना पड़ा.


फिल्म निर्माण के दौरान सामना की गईं सभी दिक्कतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा, "हर फिल्म की अपना एक सफर होता है, इस फिल्म का भी अपना सफर है. यह सच है कि शूटिंग के दौरान हमें शुरुआत में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन हमारी टीम बहुत मजबूत थी, इसलिए हमने इन दिक्कतों से पार पा लिया और तभी यहां हम जश्न मना रहे हैं."