Ideas of India 2023: एबीपी नेटवर्क (ABP Network) के खास इवेंट 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2023' में शुक्रवार को सिंगर और लिरिक्स राइटर लकी अली शामिल हुए. सिंगर ने तमाम पूछे गए सवालों का बेबाकी से उत्तर दिया. लकी अली का 'ओ सनम' गाना हर किसी की जुबां पर चढ़ा रहता है. इस गाने को बनाने के पीछे भी एक कहानी है. लकी अली ने इसके पीछे की कहानी आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में बताई. 


लकी अली ने 'ओ सनम' के बारे में बात करते हुए कहा कि इसके पीछे एक अलग कहानी है. उस समय एक यंग राजू नाम का लड़का था जो अनाथ था. जो कश्मीर में था. उस समय में कश्मीर में था, मैं अपना काम कर रहा था. आप वो कहते हैं ना 'छोटेपन का राजू सबका सच्चा साथी था.' ये एक गाना था. ये ऐसे ही चलता रहा और फिर दिल टूटा और ये कहानी आगे बढ़ी. इस तरह से ये बना.


मुश्किलों का ऐसा सामना करते हैं लकी


लकी अली ने मुश्किल समय और परेशानियों से डील करने के बारे में बात करते हुए कहा- मेरे पिता जी ने मुझे सिखाया था कि जो भी मांगना है हाथ उठाकर मांगो. मैंने उनसे सिखा और उनकी बातों को सुनकर बड़ा हुआ.


पिता को किया याद


पिता के आखिरी दिन को याद करते हुए लकी अली ने कहा उनके आखिरी समय मैं उनसे मिलने आया तो उन्होंने कहा कि मैटीरियलिस्ट चीजों के करीब जाने की कोशिश नहीं करना. ये चीजें खुशी नहीं देती हैं. मैं उनकी बातों को सुनता रहा.


पिता के पैसे से शुरू किया कार्पेट बेचना


लकी अली ने कहा कि उनके पिता महमूद ने बिजनेस करने के लिए उन्हें 1 लाख रुपये दिए थे. उन्होंने कहा, "जिसमें आधे में मैंने कार्पेट खरीदे एक दुकान लगाने के लिए. उस वक्त मेरी मां का आखिरी वक्त था. मैं उनके साथ रहना चाहता था. मैंने कार्पेट का बिजनेस किया क्योंकि इंवार्मेंट को लेकर मैं सजग था. उस वक्त पैसों की जरूरत थी."


बॉलीवुड से क्यों दूर हैं लकी अली


लकी अली ने बॉलीवुड से दूरी बनाने को लेकर कहा, "मैं हमेशा से 3 मिनट में स्टोरी बनाने को लेकर खुश था. न कि बड़ी फिल्मों को लेकर. इसलिए मैंने गानों को बनाना ज्यादा प्रिफर किया बड़ी फिल्में बनाने की तुलना में."


उन्होंने कहा, "मैंने बॉलीवुड में बहुत कम काम किया है लेकिन 'एक पल का जीना' गाना मेरे लिए टर्निंग पॉइंट था. फिर मैंने एआर रहमान के साथ काम किया. 'सुर' और 'कांटे' में एक्टिंग के बजाए सिंगिंग में उन्हें फेम मिला. इस बात पर उन्होंने कहा कि एक्टिंग कोई भी कर सकता है लेकिन सिंगिंग हर कोई नहीं कर सकता है."


ऑर्गेनिक फार्मिंग को लेकर बनाया बेंगलुरु में आशियाना


ऑर्गेनिक फार्मिंग को लकेर अली अली ने कहा मुंबई छोड़ कर बेंगलुरु रहने के पीछे निर्णय यह था कि वह मुंबई के पॉल्यूशन से दूर जाना चाहते थे. उन्होंने कहा, "ऑर्गेक फॉर्मिंग को लेकर ऐसा कुछ नहीं है, मैं अपने साथ काम करने वालों के लिए सब्जियां उगाता हूं इसके अलाला और कुछ नहीं हैं."


'आ भी जा' को लकी अली ने बताया अपना बेसुरा गाना



सुर फिल्म के अपने सुपर डुपर हिट गाने 'आ भी जा' के बारे में बात करते हुए लकी अली ने कहा कि उन्होंने ये गाना बेसुर में गाया था. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सारा श्रेय करीम साहब को जाना चाहिए जिन्होंने मुझे उस गाने के लिए प्रेरित किया.



लकी अली के बारे में


19 सितंबर 1958 को मुंबई में जन्मे लकी का असली नाम मकसूद महमूद अली है. उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री को एक से एक हिट गाने दिए हैं और इसी वजह से 90 के दशक में हर किसी की जुबां पर सिंगर का नाम रहता था. उनका अब तक का पूरा करियर काफी शानदार रहा है. लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतनी ही मुश्किलों से भरी रहीं. उन्होंने तीन शादियां कीं लेकिन तीनों ही नहीं चलीं. इसी वजह से आज वह सिंगल जिंदगी बिता रहे हैं.