Ideas of India Summit 2023: बॉलीवुड के वर्सिटाइल एक्टर आयुष्मान खुराना ने एबीपी नेटवर्क के कार्यक्रम 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट' में हिस्सा लिया. इस दौरान एक्टर ने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में खुलकर बातचीत की. आयुष्मान खुराना अपने करियर में बहुत चूजी रहे, उन्होंने विक्की डोनर से पहले कई फिल्में मिली, जिन्हें उन्होंने ठुकराई. ये बातें उनके लिए आसन नहीं थी. फिर कैसे किया आयुष्मान खुराना ने बॉलीवुड के वर्सिटाइल एक्टर का सफर?


कैसे बने एक्टर?


बॉलीवुड के मस्कुलर एक्टर को बदले आयुष्मान खुराना ने बाहर से आकर बॉलीवुड में कैसे अपनी जगह बनाई? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं जब बाहर से आया था, तो लोग मुझे से कहे कि ऐसा नहीं करना चाहिए. लेकिन मेरे पिता ने मुझे फोर्स किया कि मैं ऐसा करूं" 


आयुष्मान खुराना ने कहा कि लोग खुद भाग कर आते हैं फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए उन्हें भगाया गया है. 


क्यों करते हैं अलग-अलग फिल्में?


अलग अलग फिल्मों के बारे में काम करने को लेकर आयुष्मान खुराना ने कहा, "एक्सपेरिमेंट किए बिने मैं नहीं रह सकता है. जब तक मैं चल रहा हूं मुझे रिस्क लेना पसंद हैं. जबतक मैं काम करता रहूंगा मैं अलग अलग कहानियां लेकर आया करंगा. ये मेरे जॉनर क्रिएट हो गया. मैं खुशकिस्मत रहा कि मुझे बेहतर स्क्रिप्ट राइटर मिले. नुक्कड़ नाटक मेरा इंटरेस्ट रहा है और इसी वजह से समाज की बातें फिल्मों लेकर आना आसान रहा."


रोहित शेट्टी की फिल्म में काम करने को लेकर आयुष्मान खुराना ने कहा, "मुझे नहीं पता इस बारे में लेकिन वह मेरे साथ एक्शन फिल्में करना चाहते हैं तो प्लीज करें. एक्शन हीरो एक कर्मशियल हिट नहीं रही इसके पीछे टाइमिंग का खेल रहा है. मैं अपनी स्क्रिप्ट पर रिसर्च करता हूं क्योंकि मुझे इस फिल्म में एक्टिंग करनी थी, हालांकि मैं फिल्मों के डायरेक्टर से लिए सिरदर्द नहीं बनना चाहता हूं."


आउटसाइडर होने के पर क्या बोले एक्टर


आउटसाइडर होने पर आयु्ष्मान खुराना ने कहा, "एक वक्त में ये सच्चाई थी कि आउटसाइडर्स की बॉलीवुड में जगह नहीं है लेकिन अब ये चीजें बदल गई हैं. यदि आपके पास टैलेंट हैं तो आपके काम का स्वागत होगा. कास्टिंग डायरेक्टर्स की वजह से यहां सफल होने चांस ज्यादा बढ़ गई है."


स्टार किड्स के स्ट्रगल पर आयुष्मान खुराना ने कहा, "हमें जीरो से स्टार्ट करना होता है. स्टार किड्स के लिए मौका आसानी से मिल जाता है. वे 100 से शुरू करते हैं. ये उनके लिए बोनस है. हालांकि, ये उनका टैलेंट है कि उन्हें आगे बढ़ाता है, नहीं तो उनकी लिए भी मुश्किल है."


बड़े पर्दे पर कुछ अलग करने में मुझे कोई डर नहीं: आयुष्मान खुराना


अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कहा कि बड़े पर्दे पर बिल्कुल अलग तरह का रोल करने में मुझे खौफ नहीं था, क्योंकि मुझे पता था कि ऑउट साइडर के साथ ऐसा होता है कि पहला चांस मिल गया तो उस पर मार दो हथौड़ा, दूसरा चांस मुझे नहीं मिलना था. उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि अगर पहली फिल्म नहीं चली तो दूसरा चांस कभी नहीं मिलेगा.


ओटीटी और सिल्वर स्क्रीन की तुलना में क्या बोले आयुष्मान खुराना


आयुष्मान खुराना ने कहा, "ऑडियंस यानी कंज्यूमर आपकी फिल्मों को मैनेज करता है, जब आप ओटीटी पर फिल्में देखते हैं. लेकिन बड़े पर्दे पर फिल्में ऑडियंस को मैनेज करती है. मैं हमेशा से पर्दे पर फिल्में देखता आया हूं."


मैं फिल्में देखे बगैर रह सकता हूं, लेकिन गाना के बगैर नहीं



एबीपी के मंच पर अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपने संगीत के लगाव के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि वो फिल्में देखे बगैर तो रह सकते हैं, लेकिन संगीत के बगैर नहीं रह सकते हैं. जब-तक में कोई नया सिंगर या गाना न खोज लूं तो मुझे चैन नहीं पड़ता. मैं फिल्मों के बगैर रह सकता हूं, लेकिन संगीत के बगैर नहीं रह सकता हूं.



आयुष्मान खुराना के बारे में


आयुष्मान के करियर की शुरूआत एमटीवी के मशहूर शो ‘रोडीज 2’ से हुई थी जिसमें वे विजेता रहे थे. उनकी पहली नौकरी रेडियो जाॅकी के तौर पर बिग एफएम, दिल्ली में थी. रेडियो के बाद वे वीडियो जाॅकी बन गए और उन्होंने कई शोज को होस्ट किया. इसके बाद उन्होंने शूजीत सरकार की फिल्म ‘विकी डोनर’ से अपने अभिनय की शुरूआत की. इस फिल्म का विषय खासा चर्चा में रहा और यह फिल्म हिट भी रही. इस फिल्म के लिए आयुष्मान को सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया.