नई दिल्ली: अभिनेत्री और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन का कहना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री आजकल कलाकार की शक्ल और उम्र पर नहीं, बल्कि कलाकार की प्रतिभा पर आधारित है. उनका मानना है कि उम्र कलाकार के करियर में अनुभव ही जोड़ती है.


यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानती हैं कि फिल्म इंडस्ट्री कलाकार की शक्ल या उम्र पर आधारित है, न कि उनकी प्रतिभा पर? इस पर सुष्मिता ने एक ई-मेल इंटरव्यू में कहा, "नहीं, मैं इससे सहमत नहीं हूं, आज तो बिल्कुल नहीं. अगर आप मुझसे यह सवाल उस समय पूछते, जब मैंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, तब मैं ज़रूर हां कहती. पर इस समय, जब आप 'इंग्लिश विंग्लिश' देखते हैं, आप श्रीदेवी को देखते हैं, तो आपको कमाल का अनुभव होता है."


41 साल की एक्ट्रेस का कहना है कि उम्र अनुभव जोड़ती है. सुष्मिता ने हाल ही में डिजाइनर शशि वंगापल्ली के लिए लैक्मे फैशन वीक समर/रिसॉर्ट 2017 के रैंप पर जलवे बिखेरे.


दो बेटियों रीनी और अलीशाह का अकेले पालन-पोषण करने वाली अविवाहित सुष्मिता ने कहा कि अगर किसी कलाकार का करियर 25 की उम्र में खत्म होता है, तो यह बड़ी त्रासदी है.


सुष्मिता ने कहा, "विकसित होना एक अच्छी चीज है और ऐसा सिनेमा में भी है. इसलिए मैं इससे असहमत हूं. हम निश्चित तौर पर सही दिशा की ओर बढ़ रहे हैं और यहां हर किसी के लिए भूमिका और स्क्रिप्ट है. हमें उसके लिए बस सही निर्देशक की जरूरत होती है."