नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी से कहा कि वह उस अर्जी पर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करें जिसमें बलात्कार के एक मामले में उन्हें दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई है. मोरानी पर 25 साल की एक महिला ने छह महीने तक बलात्कार करने का आरोप लगाया है. हालांकि, मोरानी ने आरोपों से इनकार किया है.

अभिनेत्री बनने की चाहत रखने वाली महिला ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि अंडरवर्ल्ड से उसकी हत्या करा देने की धमकी देकर उससे बलात्कार किया गया. उसकी नग्न तस्वीरें भी ली गई और उन्हें सर्कुलेट किया गया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने साफ किया कि यदि मोरानी तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल नहीं करते तो जवाब दाखिल करने का उनका अधिकार खत्म माना जाएगा.

पीठ आठ मई को इस मामले में अंतिम सुनवाई करेगी. सुनवाई के दौरान मोरानी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ को बताया कि वे अपना जवाब दाखिल करेंगे. बहरहाल, शिकायतकर्ता महिला की तरफ से पेश हुई वकील करुणा नंदी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि शीर्ष न्यायालय ने फरवरी में मोरानी को नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्होंने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया. पिछले साल नवंबर में हैदराबाद उच्च न्यायालय ने मोरानी को नियमित जमानत दी थी.