17 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा स्टारर 'दोस्ताना' की रिलीज को 40 साल पूरे हो गए हैं. यह फिल्म कई मायनों में खास है क्योंकि डायरेक्टर राज खोसला की इस अंतिम सुपरहिट फिल्म के प्रोड्यूसर यश जौहर थे. इसी फिल्म के जरिए उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस की स्थापना की थी जिसे अब उनके बेटे करण जौहर चलाते हैं.
यश जौहर इस फिल्म के डायरेक्टर के तौर पर देव आनंद के भाई विजय आनंद को लेना चाहते थे लेकिन उनके अन्य प्रोजेक्ट्स में बिजी होने के चलते राज खोसला को डायरेक्टर चुन लिया गया. इसी तरह शत्रुघ्न के किरदार के लिए विनोद खन्ना पहली पसंद थे लेकिन जब राज खोसला ने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो उन्हें वकील का किरदार विनोद खन्ना के स्टारडम के हिसाब ठीक नहीं लगा. उन्होंने इस बारे में यश जौहर से चर्चा की तो उन्होंने पूछा कि विनोद की जगह और किस एक्टर को कास्ट कर सकते हैं तो राज ने शत्रुघ्न सिन्हा का नाम सुझा दिया. यश जौहर मान गए और इस तरह फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हुई और उन्होंने अपनी दमदार परफॉरमेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया.
एक टेक में ओके किया था सीन
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान शत्रुघ्न के मेकअप मैन प्रसाद का निधन हो गया था. अंतिम संस्कार करने के बाद गमगीन शत्रुघ्न ने शूटिंग से कुछ दिनों का ब्रेक ले लिया था.ऐसे में महबूब स्टूडियो में लगा इस फिल्म का सेट जब हटाने की डेट नजदीक आ गई तो यश जौहर ने उन्हें कॉल करके पूछा कि क्या वह शूटिंग पर आ सकते हैं क्योंकि शूटिंग के लिए अमिताभ की डेट भी खत्म होने पर थी. अगले दिन शत्रुघ्न शूटिंग खत्म होने से आधा घंटे पहले सेट पर पहुंचे. 10 मिनट में कॉस्टयूम पहने और डायरेक्टर राज से कहा कि चलिए टेक करते हैं. सबसे अहम सीन की लाइनें वह घर से याद करके आए थे. उन्होंने एक टेक में शॉट ओके किया और सेट पर तालियां बज उठीं. शत्रुघ्न ने सीन का एक और टेक देना चाहा लेकिन अमिताभ ने उन्हें गले लगाकर रोक लिया और कहा अब बस करो, यह सीन इससे बेहतर नहीं हो पाएगा.
फिल्म के इंटरवल से ठीक पहले वाले सीन का किस्सा भी जोरदार है. ये सीन एंग्री यंग मैन के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन के करियर का इकलौता सीन है जिसमें उन्हें कोई दूसरा हीरो थप्पड़ मारता है लेकिन वह पलटकर उसपर हाथ नहीं उठा पाते.
कमाई में चौथे नंबर पर थी फिल्म
1980 में कमाई के मामले में दोस्ताना बॉक्स ऑफिस पर चौथे नंबर पर रही थी. पहले नंबर पर फिरोज खान की 'कुर्बानी' थी. दूसरे नंबर पर 'आशा' और तीसरे नंबर पर 'राम-बलराम' रही थी. 'दोस्ताना' की मेकिंग का एक किस्सा और भी मशहूर है. रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जाता है कि मेकिंग के दौरान महेश भट्ट अमिताभ बच्चन से मिलने आए थे. उन्होंने बिग बी से गुजारिश की थी कि वो अपनी फ्रेंड परवीन बाबी से एक बार मिल लें लेकिन बीमार परवीन की तबियत कुछ ठीक हो जाए. दरअसल, शिजोफ्रेनिया से पीड़ित परवीन अमिताभ का नाम लेकर जोर-जोर से रोने लगती थीं. बाद में उन्होंने यह भी आरोप लगाए थे कि अमिताभ उन्हें जान से मारना चाहते थे.