Irrfan Khan Death Anniversary: कई ऐसे बेहतरीन एक्टर्स होते हैं जिन्हें पर्दे पर हर कोई पसंद करता था. जब वो अपनी उम्र जीकर दुनिया छोड़कर जाता है तो फैंस को कम दुख होता है लेकिन जब कोई हंसता-हंसाता एक्टर अचानक चला जाता है तो फैंस के लिए इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही एक घटना लगभग 4 साल पहले हुई जब इरफान खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया था.


29 अप्रैल 2020 को जब इरफान खान के निधन की खबर आई तो हर कोई चौंक गया. हालांकि, इरफान काफी समय से एक बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन बाद में खबर आई थी कि वो ठीक हैं लेकिन फिर उनके निधन से हर कोई सहम गया. इरफान खान हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता थे, चलिए आपको उनके संघर्ष से सफलता की कहानी बताते हैं.






इरफान खान के वो तीन 'नाटक'


संघर्ष के दिनों में इरफान खान के कई दोस्त रहे. उनमें से एक अशोक लोखंडे भी हैं जो एक्टर हैं. उन्होंने इरफान के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों की बातें शेयर की. अशोक लोखंडे और इरफान ने पहले ही अटेम्ट में NSD का एंट्रेंस एग्जाम पास किया. इसके बाद उनका एक इंटरव्यू भी हुआ जिसमें कई सवाल किए गए. उनका सिलेक्शन हो गया और उनकी एक्टिंग क्लास शुरू हुई.




उन्होंने बताया था कि इरफान एनएसडी के उस बैच के सबसे काबिल एक्टर थे. वो शांत रहना पसंद करते थे लेकिन जब एक्टिंग क्लास चलती थी तो खूब सवाल किया करते थे. उन्हें हर छोटी से छोटी बारीकियां जाननी होती थीं. NSD के अंतिम दिनों में कुछ प्ले हुए जो इरफान खान के लिए अहम बन गए.


उनमें से पहला प्ले 'इंडिपस रेक्स' था जिसमें इरफान ने टाइरेसियस का रोल किया था. उनमें से दूसरा प्ले 'उरुभंगम' था जो महाभारत पर आधारित था. इसमें इरफान ने धृतराष्ट्र का रोल प्ले किया था और उनकी गर्लफ्रेंड (जो बाद में वाइफ बनीं) सुतापा सिकदर ने गांधारी का रोल प्ले किया था. उनमें से तीसरा प्ले 'एक्सेंट ऑफ फुजियामा' था. इन सभी प्लेज में इरफान खान की एक्टिंग को खूब सराहा गया था. यहीं से उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत हो चुकी थी.


इरफान खान का सघर्ष और पहली फिल्म


साल 1987 में NSD से ग्रेजुएशन करने के बाद इरफान को मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे में डेब्यू करने का मौका मिला. इसमें इरफान का छोटा सा रोल था. इसके बाद दूरदर्शन के 'लाल घास पर नीले घोड़े' नाम का नाटक मिला. इसके बाद इरफान को छोटे-मोटे रोल मिल जाया करते थे. साल 1989 में फिल्म कमला की मौत रिलीज हुई जिसमें उनके अपोजिट रूपा गांगुली नजर आई थीं.




इरफान को खास पहचान नहीं मिली. इसके बाद साल 1998 में इरफान खान ने संजय खान के टीवी सीरियल 'जय हनुमान' किया इसके साथ ही उन्होंने टीवी सीरियल 'श्श्श्श कोई है' में भी नजर आए. इसके बाद उन्होंने कई और सीरियल किए लेकिन उन्हें वो पहचान नहीं मिल पा रही थी.


साल 2005 में इरफान खान की पहली हिंदी फिल्म रोग आई. फिल्म फ्लॉप हुई लेकिन इरफान के काम को खूब सराहना मिली और गाने भी हिट हुए. इसके बाद साल 2007 में फिल्म लाइफ इन अ मेट्रो में इरफान ने मल्टीस्टारर फिल्म में काम किया लेकिन इरफान के काम को नोटिस किया गया. फिल्म हिट रही और इसके बाद उन्हें काम मिलने लगा. 


इरफान खान की फिल्में


साल 2008 में फिल्म स्मलडॉग मिलेनियर रिलीज हुई जो बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई. इसमें इरफान खान को कई अवॉर्ड्स मिले और उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई. फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर भारत में बनी थी लेकिन इसे हॉलीवुड निर्माता-निर्देशक ने बनाई थी इसलिए इन्हें हॉलीवुड में पहचान मिल गई.




इसके बाद उन्होंने 'द अमेजिंग स्पाइडर मैन' और 'जुरासिक वर्ल्ड' जैसी हॉलीवुड फिल्में भी कीं. हिंदी सिनेमा में इरफान खान ने 'लाइफ ऑफ पाई', 'हिंदी मीडियम', 'द लंचबॉक्स', 'बिल्लु', 'पीकू', 'कारवां', 'पान सिंह तोमर', 'मदारी', 'करीब-करीब सिंगल' जैसी बेहतरीन फिल्में कीं. इरफान खान की आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी.


इरफान खान की पर्सनल लाइफ


7 जनवरी 1967 को राजस्थान के एक मुस्लिम परिवार में इरफान खान का जन्म हुआ था. इनके पिता का टायर का बिजनेस था और इरफान एक मध्यम वर्गीय परिवार से बिलॉन्ग करते थे. इरफान खान ने इंडस्ट्री में जो जगह बनाई थी वो अपने दम पर बनाई थी.




इरफान ने 23 फरवरी 1995 को अपनी गर्लफ्रेंड सुतापा से शादी कर ली थी. सुतापा और इरफान को दो बेटे बाबिल और अयान हैं. बाबिल खान ने एक्टिंग की शुरुआत कर दी है और उन्हें इरफान खान का दूसरा रूप कहा जाता है.


इरफान खान का अंतिम सफर


साल 2018 में एक्टर इरफान खान ने ट्विटर के जरिए बताया था कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम की बीमारी है जिसका इलाज हो रहा है. यूके जाकर इरफान ने इसका इलाज भी कराया और साल 2019 में वो वापस आए. उन्होंने फिल्म अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग भी शुरू की और इसे खत्म करने के बाद ही कोरोना का समय आ गया. इरफान खान अपने घर पर आराम करने लगे.




लेकिन अचानक उनकी फिल्म तबीयत बिगड़ी और उन्हें 28 अप्रैल 2020 को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में एडमिट कराया गया. 29 अप्रैल 2020 को 53 साल की उम्र में इरफान खान ने आखिरी सांस ली. इरफान खान को मुंबई के एक कब्रिस्तान में मुस्लिम रीति-रिवाज के हिसाब से दफनाया गया. कोरोना के कारण लोग वहां तक नहीं पहुंच पाए लेकिन सोशल मीडिया पर फैंस ने नम आंखों से उन्हें ढेरों श्रद्धांजलि दी.


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