बॉलीवुड के मशहूर एक्टर इरफान खान इस दुनिया में नहीं रहें, लेकिन अपनी बेमिसाल अदाकारी के दम पर वह हमेशा हर किसी के जेहन में रहेंगे. इरफान अपनी असली पहचान के अलावा अलग-अलग किरदार के रूप में भी लोगों के दिलों पर राज करते रहेंगे. ऐसा ही एक किरदार है- 'पान सिंह तोमर', जो चंबल का बड़ा डकैत था.
एथलीट से डकैत बने पान सिंह की कहानी में इरफान खान का किरदार इतना जबरदस्त था कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाकर रख दी थी. 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में शानदार अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी दिया गया.
इरफान खुद अपने किरदार से इतने उत्साहित थे कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने कहा था कि 'मैं पान सिंह तोमर जैसी फिल्म को एक बार फिर करना चाहूंगा.' पान सिंह तोमर, एक बायोपिक है, जो चंबल के कुख्यात डकैत की सच्ची कहानी पर आधारित है.
सेना का सूबेदार कैसे बन गया चंबल का कुख्यात डकैत
फिल्म पान सिंह तोमर की शूटिंग मध्य प्रदेश में चंबल के बीहड़ों में हुई थी. पान सिंह तोमर चंबल का बागी था. चंबल बागियों का गढ़ माना जाता है. एक समय में यहां डाकुओं का राज था. इसी इलाके में पान सिंह तोमर नाम का एक सैनिक था, जिसने स्टीपलचेज में 1958 के एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने इस इवेंट में सात नेशनल गोल्ड जीते थे. लेकिन हालात ने उसे बागी बना दिया.
सेना से रिटायरमेंट लेकर पान सिंह अपने मुरैना स्थित गांव लौट चले गए. वहां गांव के दबंगों ने उनकी जमीन हड़प ली. आठ साल तक पान सिंह अपनी जमीन पर अधिकार वापस लेने के लिए संघर्ष करते रहे. लेकिन किसी सरकारी अधिकारी या पुलिस ने उनकी मदद नहीं की. आखिरकार सिस्टम से हारकर पान सिंह ने बंदूक उठा ली. बंदूक खरीदने के लिए पान सिंह ने एक व्यक्ति का अपहरण किया, फिर उससे मिले पैसों से बंदूक खरीदी.
इसके बाद पान सिंह गांव छोड़कर चंबल के जंगल में रहने लगा. अपना गिरोह बनाया. इसी बीच उसने कई लोगों की हत्याएं की. धीरे-धीरे उसका इलाके में उसका दबदबा बढ़ता गया. पान सिंह तोमर का चंबल में इतना खौफ हो गया कि पुलिस उसके नाम से कांपने लगी. खास बात ये है कि वह कभी गरीबों और महिलाओं पर जुल्म नहीं करता था. गरीबों की मदद करता था. इस वजह से भी वो आस-पास इलाके में काफी मशहूर हो गया था. आखिरकार पुलिस ने अक्टूबर 1981 में 10 हजार पुलिस बल के साथ पान सिंह की घेराबंदी की और मार गिराया.
इस फिल्म में इरफान खान का एक फेमस डायलॉग है- "बीहड़ में तो बागी होते हैं सॉब, डकैत तो संसद में होते हैं."
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पान सिंह तोमर: जब इरफान ने एक एथलीट को लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया
एबीपी न्यूज़
Updated at:
29 Apr 2020 02:59 PM (IST)
इरफान खान ने 2012 में आई फिल्म पान सिंह तोमर में अपनी एक्टिंग से उस एथलीट और सूबेदार को लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया था, जिसे लोगों ने बागी मान लिया था.
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