एक नायाब अभिनेता चला गया! NSD में इरफान खान के बैचमेट रहे आलोक चटर्जी का निधन
Alok Chatterjee Death: एनएसडी में दिवंगत अभिनेता इरफान खान के बैचमेट रहे आलोक चटर्जी भी अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनका सोमवार की रात निधन हो गया है. इस खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है.
Alok Chatterjee Death: जाने-माने थिएटर अभिनेता और दिवंगत एक्टर इरफान खान के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बैचमेट आलोक चटर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे. मशहूर अभिनेता ने सोमवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली. आलोक चटर्जी की तबीयत काफी समय से खराब बताई जा रही थी और उनके कई इंटरनल ऑर्गन्स ने काम करना बंद कर दिया था जिससे उनका निधन हो गया.
स्वानंद किरकिरे ने आलोक के निधन पर जताया शोक
वहीं आलोक चटर्जी के निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है. तमाम फैंस और सेलेब्स एक्टर की मौत पर दुख जाहिर कर रहे हैं. फेमस लिरिसिस्ट स्वानंद क्रिकिरे ने अपने दोस्त आलोक के निधन पर शोक जताते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. दिवंगत अभिनेता की एक तस्वीर शेयर करते हुए, उन्होंने हिंदी में अपना मैसेज लिखा, "आलोक चटर्जी .. एक शानदार अभिनेता चला गया! वह एनएसडी में इरफान के बैचमेट थे. अगर इरफान कालिदास थे, तो आलोक चटर्जी विलोम! अपने कालिदास से मिलने गए! आपकी आत्मा को शांति मिले, आलोक भाई!”
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आलोक का अंतिम संस्कार आज दोपहर बाद किया जाएगा.
इरफान खान के करीबी थे आलोक चटर्जी
बता दें कि आलोक, इरफान खान के करीबी दोस्त थे. दोनों 1984 से 1987 तक प्रेस्टीजियस नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में बैचमेट थे. आलोक और इरफान ने लगभग तीन सालों तक कई नाटकों में मेन लीड रोल प्ले किया था.आलोक चटर्जी को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
कई फेमस नाटकों का किया था निर्देशन
आलोक चटर्जी मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा या एमपीएसडी के पूर्व डायरेक्टर और एनएसडी को गोल्ड मेडलिस्ट भी थे.आलोक मध्य प्रदेश के दमोह के रहने वाले थे और उन्होंने कई पॉपुलर नाटकों में काम किया था.उन्होंने विलियम शेक्सपियर के नाटक ए मिडसमर नाइट्स ड्रीम का भी निर्देशन किया था और इसके अलावा, उन्होंने आर्थर मिलर के नाटक डेथ ऑफ ए सेल्समैन का भी निर्देशन और अभिनय किया था.
‘थिएटर मेरे खून में है’
अपने एक पुराने इंटरव्यू में आलोक ने कहा था कि वह सिर्फ नाटक करना चाहते हैं. उन्होंने कहा था, "मैं एक परफॉर्मर बनने के लिए दिल्ली गया था.अगर मुझे फिल्में करनी होती तो मैं एफटीआईआई पुणे चला जाता. मैं अपनी जिंदगी थिएटर के लिए जी रहा हूं. उन्होंने कहा था कि मैंने एनएसडी से पढ़ाई की है, जिसकी वजह से थिएटर मेरे खून में है. मैं बाज़ार में बिकने वाला पेंटर नहीं हूं.”
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