देश को ‘नकारात्मक ताकतों के हाथों तहस नहस’ होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता- कबीर खान
बॉलीवुड के दिग्गज फिल्मकार कबीर खान ने कहा है कि समान विचारधारा वाले लोगों के लिए बोलना जरूरी है और देश को ‘नकारात्मक ताकतों के हाथों तहस नहस’ होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.
मुंबई: फिल्म निर्देशक कबीर खान ने कहा है कि समसामयिक मसलों को लेकर उन्हें अक्सर नहीं बोलने की सलाह दी जाती है लेकिन उनका मानना है कि यदि बोलने में समस्या है तो चुप रहना भी उतना ही खतरनाक है.
फिल्मकार ने कहा कि समान विचारधारा वाले लोगों के लिए बोलना जरूरी है और देश को ‘नकारात्मक ताकतों के हाथों तहस नहस’ होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पूरे जीवन में मुझे सलाह दी गयी कि इन बातों पर नहीं बोलें. लेकिन मेरा सोचना है कि हमें बोलना चाहिए. यदि हम एक दूसरे के लिए नहीं बोलेंगे तो फिर आपके लिए भी बोलने वाला कोई नहीं बचेगा. हमें अपने विचार जरूर प्रकट करने चाहिए.’’
कबीर ने पीटीआई से कहा, ‘‘जो लोग समान तरीके से सोचते है, यदि वे चुप रहते हैं और किसी समाज या देश में नकारात्मक शक्तियां बढ़ती हैं तो वे इसके लिए जिम्मेदार हैं. एक तरह से बोलना जितना खतरनाक है, तो चुप रहना भी उतना ही खतरनाक है.’’