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शोले के इस 3 मिनट के सीन को शूट करने के लिए रमेश सिप्पी ने लगाए 3 साल
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म 'शोले' को हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे शानदार फिल्मों में गिना जाता है. अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र के अलावा फिल्म में हेमा मालिनी, संजीव कुमार, जया भादुड़ी और अमजद खान ने अपने किरदारों से हर तरफ वाह वाही लूटी
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म 'शोले' को हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे शानदार फिल्मों में गिना जाता है. अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र के अलावा फिल्म में हेमा मालिनी, संजीव कुमार, जया भादुड़ी और अमजद खान ने अपने किरदारों से हर तरफ वाह वाही लूटी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि निर्देशक रमेश सिप्पी को फिल्म के एक सीन को फिल्माने में तीन साल लगे थे? इस बात का खुलासा खुद अमिताभ बच्चन ने अपने एक इंटरव्यू में किया था कि 'उनके और जया के बीच एक सीन है जिसे शूट करने में 3 साल का समय लग गया था'. फिल्म शोल में एक सीन है जिसमें जया बच्चन लालटेन जला रही हैं और अमिताभ माउथ आर्गन बजा रहे हैं. वो सीन मुश्किल से 3 मिनट का है जिसे शूट करने के लिए 3 साल लग गए.
अमिताभ ने अपने इंटरव्यू में इस सीन के बारे में कहा था कि- 'मुझे हैरानी है कि लोगों को फिल्म में वो सीन याद है जिसमें जया लालटेन जला रही थीं और मैं आउटहाउस में बैठा माउथ आर्गन बजा रहा था. इस सीन को शूट करने के लिए एक अलग लाइटिंग की जरूरत थी. हमारे डायरेक्टर सूर्यास्त के समय शॉट लेना चाहते थे. आपको विश्वास नहीं होगा कि रमेश जी ने इस सीन को शूट करने में 3 साल बिता दिए, ताकि उन्हें परफेक्ट शॉट मिल सके.'
रमेश सिप्पी शोले को इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म बनाना चाहते थे. 35 एमएम का फॉर्मेट फिल्म को बड़ा बनाने के लिए छोटा था, लिहाजा तय किया गया कि इसे 70 एमएम और स्टीरियोफोनिक साउंड में बनाया जाए. लेकिन विदेशों से कैमरे मंगाकर शूटिंग करने से फिल्म का बजट काफी ऊपर जा रहा था इसीलिए फिल्म की ज्यादातर शूटिंग 35 एमएम में की गई और उसके बाद उसे 70 एमएम में ब्लोअप किया गया.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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