J om prakash Unknown Facts: उनकी फिल्मों का अपना ही क्लास था, जो लोगों को इस कदर बांध लेती थीं कि वे कहानी को खुद से कनेक्टेड मानने लगते थे. बात हो रही है ऋतिक रोशन के नाना जे. ओम प्रकाश की, जो बेहतरीन कलाकार और फिल्मकार थे. 7 अगस्त 2019 के दिन जे. ओम प्रकाश ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. आइए आपको उनकी जिंदगी के कुछ किस्सों से रूबरू कराते हैं.
सियालकोट में हुआ था जन्म
जे. ओम प्रकाश का जन्म 24 जनवरी 1927 के दिन अविभाजित भारत के सियालकोट (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उनके पिता लाहौर के एक स्कूल में शिक्षक थे, जिसके चलते जे. ओम प्रकाश ने पढ़ाई-लिखाई जमकर की. जब देश का बंटवारा हुआ, उस दौरान वह मुंबई आ गए और फिल्मी दुनिया में किस्मत आजमाने लगे.
ऋतिक रोशन के नाना थे जे. ओमप्रकाश
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जे. ओमप्रकाश रिश्ते में ऋतिक रोशन के नाना थे. दोनों की बॉन्डिंग भी काफी अच्छी थी. यही वजह थी कि जब ऋतिक छह साल के थे, तब उन्होंने अपने नाना की फिल्म 'आशा' से फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया था. इसके अलावा ऋतिक उनकी फिल्म आसपास और भगवान दादा में भी नजर आए थे. जे. ओमप्रकाश ने तो अपनी वसीयत में भी लिख दिया था कि उनका अंतिम संस्कार ऋतिक ही करेंगे.
इस वजह से बदला था नाम
बता दें कि जे. ओम प्रकाश का असली नाम ओम प्रकाश ही था. उस दौर में ओम प्रकाश नाम के कॉमेडियन भी थे, जो काफी मशहूर थे. दोनों के नाम एक जैसे होने की वजह से काफी कंफ्यूजन होता था. ऐसे में ओम प्रकाश ने अपने नाम के आगे जे. जोड़ लिया. दरअसल, इस जे. का मतलब जगतराम था, जो कि उनके पिता का नाम था.
संघर्ष के दम पर हासिल की सफलता
गौरतलब है कि जे. ओमप्रकाश जब मुंबई आए, तब उन्हें स्पॉट ब्वॉय के रूप में काम करना पड़ा. उन्होंने इसका खुलासा खुद एक इंटरव्यू में किया था. हैरान करने वाली बात यह है कि जे. ओमप्रकाश की हर फिल्म का नाम अ अक्षर से शुरू होता था. उन्होंने बतौर डायरेक्टर 'आपकी कसम' फिल्म से डेब्यू किया था. इसके बाद आखिर क्यों? (1985), अपनापन (1977), आशा (1980), अपना बना लो (1982), अर्पण (1983) और आदमी खिलौना है (1983) आदि फिल्में भी बनाईं. इन सभी फिल्मों के नाम अ अक्षर से ही शुरू होते हैं.