चेन्नई: तमिल स्टार्स रजनीकांत और कमल हासन ने जल्लीकट्टू को लेकर हो रहे प्रदर्शन में हिंसा होने पर चिंता जाहिर की है. रजनीकांत और कमल हासन ने आंदोलन कर रहे छात्रों से संयम बरतने की अपील की है.


रजनीकांत ने कहा कि छात्रों के इस प्रदर्शन को भारतीय इतिहास में 'स्वर्णाक्षरों' में लिखा जाना चाहिए और इस आंदोलन ने बड़े स्तर पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उन्होंने कहा कि युवा और महिलाओं के साथ विभिन्न तबकों के लोगों ने उनका समर्थन किया तथा उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को आगे बढ़ाया.

रजनीकांत ने हिंसा और पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि इस चरण में कुछ घटनाओं को देखकर वह दुखी हैं. उनका कहना है कि कुछ 'असामाजिक तत्व' छात्रों के आंदोलन और उनकी बनाई गई सद्भावना को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

रजनीकांत ने कहा, ''आपको उन्हें अपने आंदोलन और सद्भावना को बदनाम नहीं करने देना चाहिए, इसके अलावा पुलिस आपके प्रदर्शनों की समर्थक रही है.'' उन्होंने एक बयान में कहा, ''मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप इस प्रदर्शन को तुरंत समाप्त करें.''

मौजूदा घटनाक्रम को लेकर कमल हासन भी विद्यार्थियों और युवाओं के समर्थन में उतर आए और कहा, ''विद्यार्थियों के शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिस की आक्रामक कार्रवाई के अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे.'' उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने का आग्रह किया.


हासन ने ट्विटर पर लिखा है कि यह एक गलती है. विद्यार्थियों के शांतिपूर्ण विरोध पर आक्रामक पुलिस कार्रवाई के अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे. उन्होंने विद्यार्थियों और युवाओं से हिंसा पर उतारू नहीं होने की अपील करते हुए यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी उठाया. उन्होंने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने कांटेक्ट्स के जरिए प्रधानमंत्री को इस बारे में सूचना दी है.

अभिनेता कमल हासन ने जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएं. विद्यार्थियों और आम जनता को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए.