देश में मॉब लिंचिंग और असहिष्णुता को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ी है. पिछले दिनों श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, बिनायक सेन, सोमित्र चटर्जी, कोंकणा सेन शर्मा, शुभा मुद्गल, अनुपम रॉय जैसे बड़े स्टार्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की मांग की. इसके बाद से बॉलीवुड भी इस मुद्दे पर बंटा नजर आ रहा है. ऐसे में डायरेक्टर शेखर कपूर ने इसके खिलाफ ट्वीट कर दिया और उनका ये ट्वीट दिग्गज स्क्रिप्ट राइट और फिल्म मेकर जावेद अख्तर को जरा भी पसंद नहीं आया. मामला इतना बढ़ गया कि जावेद अख्तर ने शेखर कपूर को दिगाम का इलाज कराने की हिदायत तक दे दी.


शेखर कपूर का ट्वीट:


शेखर कपूर ने सबसे पहले ट्वीट में लिखा, "बंटवारे के बाद रिफ्यूजी के तौर पर जीवन शुरू किया. माता-पिता बच्चों की जिंदगी बनाने के लिए सबकुछ किया. 'बुद्धिजीवियों' से हमेशा से डर में जिया हूं, उन्होंने हमेशा मुझे हमेशा तुच्छ महसूस कराया है. बाद में मुझे मेरी फिल्मों की वजह से गले लगा लिया, लेकिन मैं अभी भी डरता हूं. उनका गले लगाना किसी सांप के डसने जैसा लगता है. मैं अभी भी एक रिफ्यूजी हूं."





भड़के जावेद अख्तर का जवाब:


शेखर कपूर के इस ट्वीट के बाद जावेद अख्तर भड़क उठे और इसके जवाब में उन्होंने लिखा, "क्या मतलब है कि मैं अभी रिफ्यूजी हूं. क्या इसका मतलब ये है कि आप खुद को इस देश का नहीं बल्कि बाहर का महसूस करते हैं या, फिर ये लगता है कि ये मातृभूमि आपकी नहीं है. अगर आपको भारत में भी रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है तो कहां आप खुद को रिफ्यूजी महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए."





जावेद अख्तर यहीं नहीं रूके, इसके आगे उन्होंने लिखा, "कौन हैं ये बुद्धिजीवी जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको उनका साथ सांप के डसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप ठीक नहीं लग रहे हैं. शेखर साहब आपको मदद की जरूरत है. मान जाइए, एक अच्छे साइकेट्रिस्ट से मिलना कोई शर्म की बात नहीं है."








क्या है मामला: 


आपको बता दें कि हाल ही में 49 बड़ी हस्तियों द्वारा देश के प्रधानमंत्री को भीड़ की हिंसा को रोकने को लेकर खत लिखा था. अब 'चुनिंदा मामलों में ही आलोचना और विरोध' करने का आरोप लगाते हुए 61 अन्य हस्तियों ने खुला खत लिखा है.