पिता के लिखे गीत को जावेद अख्तर ने दिया नया रूप, लिखा- 'ये सर कहीं झुकते नहीं'
बताया जा रहा है कि इस गाने की कुछ पंक्तियां कई सालों पहले जावेद अख्तर के पिता जां निसार अख्तर ने लिखी थीं. जावेद अख्तर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी समेत तमाम मुद्दों पर पहले भी अपनी राय रखते रहे हैं.
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध और समर्थन का दौर चल रहा है. राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में जहां सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं कई जगहों पर इसके समर्थन में भी सभाएं और रैलियां की जा रही हैं. इस मुद्दे को लेकर बॉलीवुड भी काफी मुखर है. फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अभिनेता जीशान अय्यूब समेत बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई लोग इस कानून की मुखालफत कर रहे हैं. लेखक वरुण ग्रोवर की एक कविता 'हम कागज नहीं दिखाएंगे' भी सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित हुई है.
जावेद अख्तर भी सीएए और एनआरसी को लेकर आवाज उठाते रहे हैं. अब इसी सिलसिले में उन्होंने एक गाना लिखा है. जावेद अख्तर फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा नाम हैं जिन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है. इस गाने के बोल हैं 'आवाज़ दो हम एक हैं'. इस गाने का संगीत जतिन-ललित ने दिया है. बताया जा रहा है कि इस गाने की कुछ पंक्तियां कई सालों पहले जावेद अख्तर के पिता जां निसार अख्तर ने लिखी थीं.
एक है अपनी ज़मीं एक है अपना गगन एक है अपना जहां एक है अपना वतन अपने सभी सुख एक हैं अपने सभी ग़म एक हैं आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं
गहरे अंधेरे हैं तो क्या ज़ालिम लुटेरे हैं तो क्या रोके से हम रुकते नहीं ये सर कहीं झुकते नहीं इक जोश इक हिम्मत लिए सच्चाई की ताकत लिए बढ़ता चले ये कारवां बढ़ते चलें हम नौजवां नारों से गुजेंगे जहां सुन ले ज़मीं ओ आसमां गांधी की हम संतान हैं हम ही तो हिंदोस्तान हैं आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं
धर्म और मज़हब, जात की नफ़रत की जिसने बात की अब होनी उसकी हार है हम लोगों में बस प्यार है यहां सारे धर्म और जात हैं हाथों में सबके हाथ है सारा जहां है देखता हिन्दोस्तां की एकता ऐ दोस्तो, ऐ साथियो हम भी कहें, तुम भी कहो गांधी की हम संतान हैं हम ही तो हिन्दोस्तान हैं
आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं
हम एक हैं हम एक हैं हम एक हैं
बता दें कि जावेद अख्तर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी समेत तमाम मुद्दों पर पहले भी अपनी राय रखते रहे हैं. हाल ही में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को लेकर किया गया उनका ट्वीट काफी वायरल हुआ था. जावेद अख्तर ने आइशी छोष के खिलाफ FIR पर तंज कसते हुए कहा था कि देश प्रेमी लोहे की छड़ से कैसे अपने सिर को बचा सकती हैं.