लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम के 2000 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की खबर ने हंगामा खड़ा कर दिया है. ऐसे में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारुल उलूम देवबंद से कहा था है कि जब तक कोरोना वायरस है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा जारी करें. अब दिग्गज अभिनेता और लेखक जावेद अख्तर भी कोरोना के दौरान मस्जिद बंद कराने के समर्थन में आ गए हैं.
जावेद अख्तर इस मुद्दे पर लगातार सोशल मीडिया पर ट्वीट के जरिए रिएक्शन दे रहे हैं. जावेद अख्तर ने अपने हालिया ट्वीट में लिखा, "हां, मैं फतवे की इस मांग का समर्थन करता हूं, इसलिए नहीं क्योंकि मुझे उनके मार्गदर्शन की जरूरत है. लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर उनका स्पष्ट रुख क्या है. न ज्यादा न कम."
इससे पहले जावेद अख्तर ने ट्वीट किया था, "ताहिर महमूद साहेब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा है कि दारूल उलूम देवबंद कोरोना काल खत्म होने तक के लिए मस्जिदों को बंद करने का फतवा जारी करें. मैं पूरी तरह से उनकी इस मांग का समर्थन करता हूं. अगर काबा और मदीना की मस्जिद बंद की जा सकती हैं तो भारत की मस्जिदों को क्यों बंद नहीं किया जा सकता?"
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आपको बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना वायरस फैलने से हड़कंप मचा हुआ है. लॉकडाउन के बावजूद यहां 2000 से ज्यादा लोगों का इकट्ठा होना जमात की सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर रहा है. दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद समेत अन्य के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है.
खबर लिखे जाने तक भारत में कोरोना वायरस के 2543 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 53 लोगों की मौत और 183 लोगों की रिकवरी हो गई है.
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