मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि देश में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान में 6 मई को होने वाले लोकसभा सीटों के लिए मतदान से पहले घूंघट प्रथा पर प्रतिबंध लगाए.


शिवसेना द्वारा देश में बुर्के पर प्रतिबंध की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर जावेद अख्तर ने कहा, ‘‘भैया, बुर्के पर मेरा नॉलेज बहुत कम है. इसकी वजह कि जिस घर में मैं रहता हूं वहां कामकाजी महिलाएं थीं. मैंने तो कभी अपने घर में बुर्का देखा नहीं.’


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उन्होंने कहा, ‘इराक बड़ा कट्टर मुस्लिम देश है. लेकिन वहां पर औरतें चेहरे को कवर नहीं करती हैं. श्रीलंका में भी जो कानून आया है उसमें यह है कि आप चेहरा कवर नहीं कर सकते. बुर्का पहनो, लेकिन चेहरा ढका हुआ नहीं होना चाहिए. ये उन्होंने कानून में डाला है.’


जावेद ने आगे कहा, ‘भारत पर अगर (बुर्के पहनने पर प्रतिबंध लगाने के लिए) कानून लाना चाहते हैं और अगर किसी की राय है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इससे पहले कि राजस्थान में आखिरी मतदान हो जाए, केन्द्र सरकार को ऐलान करना पड़ेगा कि राजस्थान में कोई घूंघट नहीं कर सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि घूंघट भी हट जाए और बुर्का भी हट जाए. मुझे तो खुशी होगी.’’


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प्रज्ञा ठाकुर पर साधा निशाना


वहीं, प्रज्ञा ठाकुर पर सीधा हमला करते हुए अख्तर ने कहा कि जब उनके श्राप से एक देश भक्त ऑफिसर शहीद हो सकता है तो ऐसे श्राप को देश भर में इस्तेमाल करना चाहिए.


उन्होंने कहा, मैं मोदी जी को ये सुझाव दूंगा कि इनके श्राप का हाफिज सईद और दूसरे आतंकियों पर इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतार कर खुद ही अपनी हार स्वीकार कर ली है. इस दौरान जावेद अख्तर ने भोपाल में बिताए अपने दिन याद करते हुए कहा कि भोपाल में मेरा साढ़े चार साल का समय बीता है, मेरा बाल बाल भोपाल का कर्जदार है.


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