देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों और इनमें तबलीगी जमात के लोगों की भूमिका को लेकर लगातार जावेद अख्तर को निशाने पर लिया जा रहा था. हाल ही में ट्विटर पर इसे लेकर जावेद अख्तर और अशोक पंडित के बीच तीखी बहस हो गई. सारा मामला तब शुरू हुआ जब जावेद अख्तर ने ट्विटर पर बीएमसी की तारीफ करते हुए कहा कि वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.


जावेद अख्तर ने ट्वीट किया ''मुंबई की बीएमसी को सलाम है. उन्होंने किसी भी अन्य शहर या राज्य से ज्यादा सेंपल्स कलेक्ट किए हैं. यही वजह है कि यहां सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं और टेस्ट के बाद उनका तुरंत इलाज शुरू हो जाता है. कोरोना से लड़ाई में ये सबसे अहम है. शुक्रिया बीएसी. ''





जावेद के इस ट्वीट को कोट करते हुए अशोक पंडित ने लिखा, ''सर आपने बीएमसी की जो तारीफ की है वो सराहनीय है. लेकिन मैं अभी भी इंतजार कर रहा हूं कि आप तबलीगी जमात पर चु्प्पी कब तोड़ेंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि आपने मुरादाबाद की तस्वीरें देखी होंगी. इस आपराधिक कृत्य पर खामोशी क्यों? ''


अशोक पंडित के इस सवाल का जवाब जावेद अख्तर ने बड़ी ही शालीनता से दिया. उन्होंने लिखा, ''अशोक जी, सीधी बात कीजिए, क्या आप जो मुझे बरसों से जानते हैं, ये सोचते हैं कि मैं कम्यूनल हूं. कोई और पूछता तो पूछता. आप जो मेरे दोस्त हैं, क्या आप नहीं जानते कि तबलीगी जमात जैसी हर संस्थान चाहे हिंदू हो या मुस्लिम के बारे में मैं क्या सोचता हूं. ''





इसके बाद अशोक पंडित ने एक बार फिर जावेद अख्तर से कहा कि वो आखिर पब्लिकली तबलीगी जमात की हरकतों को कंडेम क्यों नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों पर आपकी खामोशी चुभ रही है. इसके जवाब में जावेद अख्तर ने लिखा, ''यही तो बात है मेरी तुम्हारे जैसों को खटकती है कि मैं हिंदू और मुस्लिम दोनों में जो भी कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज उठाता हूं. एक लोग मुझे काफिर कहते हैं तो दूसरे जिहादी. जब तक दोनों तरफ से गालियां आ रही हैं मुझे यकीन है मैं कछ ठीक कर रहा हूं.''