जंगल में झोपड़ी में रहे, 40 रुपये के लिए की दिहाड़ी मजदूरी, पंचायत के 'सचिव जी' का मुश्किल भरा था बचपन
Jitendra Kumar: जितेंद्र कुमार आज ओटीटी पर राज कर रहे हैं. कोटा फैक्ट्री और पंचायत ने उन्हें खूब शोहरत दिलाई है हालांकि एक्टर का बचपन काफी गरीबी में बीता था.
Jitendra Kumar On Struggle: वेब सीरीज 'टीवीएफ पिक्चर्स' ‘कोटा फैक्ट्री’ में जीतू भैया और ‘पंचायत’ में सचिवजी का किरदार निभाकर जितेंद्र कुमार ने काफी पॉपुलैरिटी बटोरी है. आज वे काफी सक्सेसफुल एक्टर बन चुके हैं लेकिन उन्होंने ये मुकाम काफी संघर्ष और मेहनत के बाद हासिल किया है. हाल ही में एक्टर ने खुलासा किया कि बचपन में वे जंगल में एक झोपड़ी में रहते थे.
जंगल में झोपड़ी में रहते थे जितेंद्र कुमार
दरअसल साइरस ब्रोचा को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जितेंद्र कुमार से पूछा गया था कि क्या उन्हें अपना पहला घर याद है. इस पर अभिनेता ने खुलासा किया कि उनका जन्म राजस्थान के अलवर के खैरथल में हुआ था और वह जंगल में एक झोपड़ी में रहते थे. जितेंद्र ने कहा, “जंगल में हमारी एक झोपड़ी थी. हमारी जॉइंट फैमिली वहीं रहा करता था. हमारे पास एक पक्का मकान और एक झोपड़ी थी. मुझे वहां सोने और अजीब महसूस करने की बात याद है. यह बहुत ही छोटा पीरियड था. मेरे चाचा और पिता सिविल इंजीनियर हैं - मैं भी हूं, हमारे पक्के मकान में दो और कमरे बनने थे. इसलिए, हम छह-सात महीने तक एक झोपड़ी में रहे, जिसके बाद कंस्ट्रक्शन शुरू हुआ. ”
दिहाड़ी मजदूरी करते थे जितेंद्र कुमार
जितेंद्र कुमार ने आगे खुलासा किया कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान वह दिहाड़ी मजूरी वाली नौकरियां करते थे. जितेंद्र ने कहा “अक्सर गर्मी की छुट्टियों के दौरान, मैं चित्रकारों और बढ़ई के साथ दिहाड़ी के लिए काम करता था. मैं रोज 40 रुपये पर काम किया करता था. फिर जब मेरे पापा को पता चलता तो वो मुझे डांटते. मैं लगभग 11-12 साल का था और मजदूरों की सहायता करता था! इसलिए, मैंने नए सिरे से घर बनने की प्रक्रिया देखी है और उसका हिस्सा भी रहा हूं.''
View this post on Instagram
कोटा फैक्ट्री में जीतू भैया के किरदार से जीत लिया दिल
बता दें कि तमाम मुश्किलों के बावजूद जितेंद्र कुमार ने आईआईटी खड़गपुर से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की. इसके बाद उन्होंने कोटा फैक्ट्री में कोचिंग टीचर जीतू भैया की भूमिका निभाई और दिल जीत लिया. उनका किरदार देश भर के कई आईआईटी उम्मीदवारों को पसंद आया, जिन्होंने जितेंद्र को अपने वास्तविक जीवन के प्रोफेसर के रूप में सराहा. बता दें कि कभी दिहाड़ी मजदूरी करने वाले जितेंद्र कुमार की नेटवर्थ आज 7 करोड़ रुपये के आसपास है.