जूही चावला (Juhi chawla)- अगर हम किसी के लिए दीवाने हो गाए, तो ये कोई जरुरी तो नहीं, कि वह भी हमारे लिए दीवाना हो जाए. वैसे तो ये लाइनें जूही की सुपरहिट फिल्म कयामत से कयामत (Qyamat se Qyamat tak) तक की है. लेकिन ये लाइनें जूही के चाहने वालों पर एकदम फिट बैठती हैं. 1984 में मिस इंडिया (Miss India) का खिताब जीत चुकीं, फिल्म एक्ट्रेस और फिल्म प्रड्यूर्स रह चुकीं बॉलीवुड की चंचल, दिलकश और अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल चुटकियों में अपनी ओर आकर्षित करने वाली अदाकारा जूही चावला का नाम ही काफी है लोगों का दिल धड़काने के लिए. जूही आज भी बेहद खूबसूरत और चंचल दिखती हैं, जितनी वह तब थीं जब वह फिल्म इंडस्ट्री में नई-नई आईं ही थीं. अपने फिल्मी सफर में शुरू से ही जूही ने कई बेहतरीन फिल्में कीं. जानिए जूही की रीयल लाइफ से जुड़े कुछ यादगार पल.



वैनिटी वैन का किस्सा
 जिस समय जूही, माधुरी, मिनाक्षी या फिर यूं कह सकते है कि 80 से लेकर 90 कि फिल्मों का दौर ऐसा था, जब हर एक एक्ट्रेस के पास उनकी पर्सनल वैनिटी वैन नहीं हुआ करती थी. जूही ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन दिनों केवल एक ही वैनिटी वैन हुआ करती थी, जो उस समय की मशहूर एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों के पास हुआ करती थी. जिस दिन शूट के दौरान जूही को वैनिटी वैन मिल जाया करती थी, उस दिन उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता था. लेकिन वैनिटी वैन का मजा उस समय तभी मिल सकता था जब उनकी फिल्म का कोई शूट मुंबई में हुआ करता था. ये बात है उस समय कि है जब जूही चावला फिल्म 'नाजायज़' के दौरान शूटिंग कर रही थीं. उस समय एक ही वैनिटी होने के कारण कई लोगों को तो ब्रेक्स तक के पास बैठना पड़ता था. इसके अलावा जब जूही फिल्म 'इश्क' की शूटिंग कर रही थीं तब वैनिटी वैन ना होने की वजह से उनके ऊपर बड़े पंखों वाले पंखे चला करते थे, ताकि गर्मी की वजह से उनका मेकअप ना खराब हो जाए. जैसे ही पंखा बंद होता था, तब उनका हाल गर्मी की वजह से बेहाल हो जाया करता था.


एक अभिनेत्री के तौर पर जूही – जूही की फिल्मों में उनका हर एक किरदार बेहद ही चंचल भरा रहता था. जिस भी रोल को वो करतीं उसी करैक्टर में वह ढल जातीं. ये बात उस समय कि है जब जूही फिल्म इंडस्ट्री में एक न्यू कमर के तौर पर आईं थीं. जूही ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह जब इंडस्ट्री में आई थीं तब सीनियर्स एक्टर के आगे वह नर्वस हो जाया करती थीं, कभी कभार तो उनके पैर तक कापने लगते थे और डायलॉग बोलते वक्त उनकी जुबान लड़खड़ाने लगती थी. लेकिन आज जूही उस मुकाम पर है जहां उनको देखकर अच्छे-अच्छे एक्टर उनके आगे कांपते है.


बच्चों के साथ है अच्छा तालमेल – कभी-कभी बच्चों को समझाने के लिए खुद बच्चा बनना पड़ता है, ये डायलॉग उन्हीं की एक फिल्म 'हम है राही प्यार के' (Hum hai rahi pyaar ke) का है. इस फिल्म में जूही ने कई बच्चों के साथ काम किया. इस फिल्म में उनके को-स्टार आमिर खान थे. जूही एक उम्दा कलाकार हैं, वह किसी भी तरह के किरदार को बहुत ही सलीके से करती हैं. रीयल लाइफ में जूही के दो बच्चे हैं (जाहन्वी और अर्जून) और उनके साथ वह काफी कूल रहती हैं. इसलिए ऑनस्क्रीन पर भी जूही बच्चों के साथ काफी कम्फर्टेबल नजर आती हैं. फिल्म भूतनाथ की बात करें तो इस फिल्म में जूही ने एक छोटे बच्चे अमन सिद्दिकी के साथ काम किया है और इस फिल्म में उन दोनों की कैमिस्ट्री को देखकर आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि जूही को इस बच्चे के साथ काम करके काफी मजा आया. इसके अलावा फिल्म ‘मैं कृष्णा हूं’ में भी जूही ने तकरीबन 20 बच्चों के साथ काम किया है, जिसमें वह बच्चों के साथ बेहद खुश नजर आईं.


जूही हैं नार्मल मां – जूही भी बाकी मां की तरह ही एक घरेलू मां है और वह भी अपने दोनों बच्चे (जाहन्वी और अर्जून) का उतना ही ख्याल रखती हैं जितना की एक आम मां रखती है. क्योंकि जूही की माने तो मां की कोई परिभाषा या सीमा नहीं होती, वह तो केवल मां होती है. बच्चों ने क्या खाया, क्या पिया, होमवर्क किया या नहीं, बच्चे कहीं ज्यादा आईपैड या फोन में तो मशगूल नहीं है. वह भी आम मां की तरह पेरैंट्स टीचर मीटिंग में जाती हैं. लेकिन वह कभी भी स्कूल की ‘मम्मी रेस’ में नहीं गई.



जूही को है परिवार से लगाव – जूही ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह खाली समय में अपने परिवार के बीच ही रहना पसंद करती हैं. इसलिए उन्होंने काफी समय से पार्टिज़ में भी जाना कम कर दिया है. सबसे ज्यादा उन्हें फिक्र रहती है अपने दोनों बच्चों की, जिनकी वजह से जूही ज्यादा सोशल नहीं हो पाती.


संगीत से लगाव – जूही को शुरू से ही संगीत से लगाव रहा है. जूही जब मां बनीं तब उन्होंने फिल्मों से ब्रेक ले लिया था, वही वो वक्त था जब खाली समय में जूही ने संगीत सीखा और अब जूही संगीत के क्षेत्र में कुछ करने का मन बना रही हैं. जूही की मानें तो संगीत एक थैरेपी की तरह होता है, जो आपके मन को शांत कर देता है. आपकी टेंशन को हवा कर देता है.


जब पहली बार देखा शाहरुख (Shahrukh Khan) को - ये बात है सन 1992 कि जब जूही ने पहली बार शाहरुख को फिल्म ‘राजू बन गया जेंटिलमैन’ में देखा, तब उनके मन में ये ख्याल आया था कि क्या ये है उनकी फिल्म का हीरो. उन्हें उस समय शाहरुख को देखकर काफी अजीब सा लगा था. क्योंकि जूही उस समय टॉप की एक्ट्रेस थीं और उस समय शाहरुख ने बस फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था, हालांकि उस समय शाहरुख एक सफल टीवी स्टार जरूर थे, उस समय शाहरुख की पर्सनैलिटी कुछ खास दमदार नहीं थी या यूं कह सकते हैं कि उस समय शाहरुख किंग खान नहीं बने थे. इसलिए जूही को उनके साथ सेटल होने में थोड़ा वक्त लगा.


खान से दोस्ती - कई फिल्में करने के बाद जूही कि शाहरुख (Shahrukh Khan) और आमिर (Aamir Khan) से अच्छी दोस्ती हो गई थी. आज वो भले ही कभी कभार उनसे किसी फंग्शन के दौरान मिलती हो, लेकिन आमिर और शाहरुख के सामने वह कम्फर्टेबल फील करती है. वैसे हमेशा से ही उनके फेवरिट हीरो आमिर रहे है. 


किसको बनाया सुपरस्टार - एक इंटरव्यू में जूही ने कहा था कि उन्होंने कई स्टार्स को बनाया है सुपरस्टार. यानी कि जो फिल्में उन्होंने नहीं कीं वो फिल्में ज्यादातर करिश्मा कपूर ने कीं, जिनमें शामिल फिल्में रहीं दिल तो पागल है, राजा हिन्दुस्तानी और बीवी नंबर 1. उन्होंने वह फिल्में जल्दबाजी में छोड़ दी थीं, जिसकी वजह से करिश्मा को वह फिल्में मिल गईं. आपको तो पता ही है कि उन फिल्मों ने करिश्मा के करियर में कितना बड़ा बदलाव दिखाया. जूही का उनकी ही फिल्म का यह डायलॉग 'चले जाओ वहां, जहां ले जाए नसीब, पहले मिलाया था, फिर ले आएगा करीब' उनपर सूट करता है.


जूही आज के किस हीरो के साथ करना चाहेंगी फिल्में – दरअसल, जूही का कहना है कि जो आज के स्टार्स बन गए हैं, वो सभी उनके आगे बच्चे हैं. आज के तकरीबन सभी यंग स्टार्स को उन्होंने बच्चों के रूप में देखा है. उन्होंने फिल्म बोल राधा बोल के वक्त रणबीर कपूर को फिल्म के सेट पर कई बार देखा है, तो वही फिल्म मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी के सेट पर वरूण और रोहित जाया करते थे, उस समय वह दोनों 12-14 साल के रहे होंगे. अर्जून कपूर फिल्म सलाम-ए-इश्क के दौरान फिल्म के निर्देशक निखिल आडवाणी को असिस्ट कर रहे थे. बात करें एक्टर इमरान खान (Imraan Khan) की तो उन्होंने जूही की फिल्म कयामत से कयामत तक में आमिर के बचपन का किरदार निभाया है. 


जूही का फिल्मी सफर - जूही का फिल्मी सफर काफी मजेदार रहा है. 1984 में जब जूही मिस इंडिया बनीं तभी उनके पास कई फिल्मों के ऑफर आने लगे थे. 1986 में जूही की पहली फिल्म सल्तनत आई थी, लेकिन वह कुछ खास धमाल नहीं मचा पाई. इसके बाद 1988 में फिल्म कयामत से कयामत तक आई, जिसने बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. हालांकि ये फिल्म आमिर खान कि डेब्यू फिल्म थी. इस फिल्म के बाद जूही ने फिर कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा और आज जूही एक सक्सेसफूल एक्ट्रेस, प्रड्यूर्स और एक बेहतरीन गृहणी है.