मुंबई: हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और कॉमेडी किंग कादर खान का कनाडा एक एक अस्पताल में 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने कनाडा के समय के मुताबिक 31 दिसंबर को शाम 6 बजे आखिरी सांस ली. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक कादर खान के शव को भारत नहीं लाया जाएगा, बल्कि कनाडा में ही सुपर्द-ए-खाक (अंतिम संस्कार) किया जाएगा. आपको बता दें कि वो पिछले करीब तीन हफ्ते से काफी बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. कुछ रोज़ पहले उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने लगी, जिसके बाद डॉक्टरो ने उन्हें रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर बाईपैप वेंटीलेटर पर रखा था.


बिग बी के हिट डायलॉग्स के पीछे कादर खान ही थे
कादर खान अभिनेता के साथ साथ एक शानदार संवाद लेखक भी थे. बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि अमिताभ बच्चन के करियर को ऊंचाई देने में कादर खान का बहुत बड़ा योददान है. ये उस वक्त की बात है जब अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने की जुगत में लगे हुए थे और उनके हाथ कुछ अच्छी फिल्में लगी थी. ये वो वक्त था जब फिल्म इंडस्ट्री करवट ले रही थी और वो अपने लिए कुछ नए सुपरस्टार्स की तलाश कर रही थी. यूं तो अमिताभ के सामने धर्मेंद्र और राजेश खन्ना जैसे बड़े सुपरस्टार्स थे. लेकिन वो लगातार अपने लिए कुछ ऐसा तलाश रहे थे, जिससे वो दर्शकों के दिलों में उतर सकें और अपने लिए एक खास मुकाम बना सकें.


70 के दशक में जब अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने की जद्दोजेहद में थे उस समय उन्हें कादर खान का साथ मिला था. कादर खान ने ही स्ट्रगल कर रहे अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन बना दिया था. वो ऐसा दौर था जब कादर खान अपनी कलम से जो लिख देते थे वो पर्दे पर हिट हो जाया करता था.


वैसे तो कादर खान कभी भी सुनहरे परदे पर नहीं आना चाहते थे और न ही इस सिनेमाई दुनिया से जुड़ना चाहते थे. लेकिन मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा जैसे निर्देशकों ने कादर खान को स्क्रिप्ट और डायलॉग लिखने के लिए मनाया और कादर खान को फिल्म इंडस्ट्री में ले आए. कादर ने 'अमर अकबर एंथनी', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'लावारिस' , 'कालिया', 'नसीब' , 'कूली' ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसी फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखे. उस दौर में अमिताभ बच्चन के अलावा सिर्फ कादर खान ही एक कलाकार थे जो मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के लिए एक साथ काम किया करते थे.


300 से ज्यादा फिल्मों में किया अभिनय
कादर खान बॉलीवुड में साल 1973 से हैं. उन्होंने फिल्म 'दाग़' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा. इस दौरान उन्होंने अपने करियर में हर तरह की फिल्में की. विलेन, कॉमेडियन, गंभीर किरदार से लेकर अंधे तक का रोल उन्होंने बखूबी निभाया. उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और कई सुपरहिट फिल्मों के संवाद भी लिखे.

अफगानिस्तान में हुआ था जन्म
आपको बता दें कि 22 अक्टूबर 1937 को कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. कादर खान ने अपने बचपन में बहुत उतार चढ़ाव देखे थे. कादर खान के पिता ने उन्हें और उनकी मां को छोड़ दिया था और फिर उनकी जिंदगी में उनके सौतेले पिता आए.

इन सब के बीच में कादर खान और उनकी मां को गरीबी और जिंदगी की मुश्किलातों का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने सिर्फ परदे पर ही नहीं, बल्कि परदे के पीछे भी काम किया है. वो एक बहुत अच्छे लेखक हैं और उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के संवाद भी लिखे हैं.