Kader Khan Death: दिवंगत अभिनेता कादर खान के निधन के बाद से ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री समेत उनके फैंस काफी शोकग्रस्त हैं. कादर खान पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे जिसके कारण कनाडा में उन्होंने आखिरी सांस ली. कनाडा में कादर खान को अंतिम विदाई देते हुए उनके बेटे सरफराज खान काफी इमोशनल नजर आए. इस दौरान उनका नया वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है.
कादर खान के बेटे सरफराज ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि उनकी कोशिश ये है कि जो इज्जत और मोहब्बत उनके पिता छोड़ कर गए हैं उसे अगर वो बढ़ा नहीं सकते तो घटाएं भी नहीं. सरफराज ने कहा, "वालिद साहब बहुत पैसे वाले आदमी थे मगर असल जिंदगी में वे एकदम फकीर की तरह रहते थे. उनको दुनिया की चीजों का ज्यादा शौक नहीं था. किसी की भी मदद को आगे रहते थे. वे सबको साथ लेकर चलते थे. वे कहते थे कि बेटा लाइफ में ब्रिज बन कर रहना है. सभी को एक साथ लेकर चलना है. अब वे हमारे बीच नहीं हैं मगर उनकी यादें रह गई हैं."
अंतिम मुलाकात का जिक्र करते हुए सरफराज भावुक हो गए. सरफराज ने आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया "वे बस सिर पर हाथ रखते थे और चूमते थे. जब उनसे पूछा गया कि अंतिम बार दोनों के बीच क्या बात हुई तो सरफराज ने भावुक होते हुए कहा कि पापा के तरफ मैंने अपना गाल आगे बढ़ाया वे मुझे हमेशा की तरह चूमने की कोशिश कर रहे थे मगर वे चूम नहीं पाए." ये कहते हुए सरफराज रोने लग गए.
आपको बता दें कि कादर खान ने 31 दिसम्बर (टोरंटो के समयनुसार) को अंतिम सांस ली. सांस लेने की समस्या और वृद्धावस्था से संबंधित कई बीमारियों के कारण वह लगभग चार महीने से अस्पताल में भर्ती थे.
अफगानिस्तान के काबुल में पश्तून परिवार में 22 अक्टूबर 1937 को जन्मे कादर खान की शुरुआती शिक्षा नगरपालिका के स्कूल में हुई जिसके बाद उन्होंने मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सरकारी इस्माइल युसुफ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की. पढ़ने और फिल्मों के शौकीन कादर खान के पास फिल्म-निर्माण, अभिनय, पटकथा लेखन, कहानी-संवाद और अन्य विषयों की पुस्तकों का एक विशाल संग्रह था. उन्हें उर्दू में महारत हासिल थी.
वर्ष 1973 में फिल्म 'दाग' से अभिनय करियर शुरू करने वाले कादर खान ने 35 सालों के अपने फिल्मी करियर में 300 से अधिक फिल्मों में यादगार किरदार निभाए. उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में हिंदी और ऊर्दू संवाद भी लिखे जिसकी शुरुआत 1974 की फिल्म 'रोटी' से हुई.