मुंबई: दिग्गज अभिनेता और संवाद लेखक कादर खान के निधन की खबरों को उनके बेटे सरफराज़ खान ने कोरी अफवाह करार दिया है. कादर खान का इलाज कनाडा के अस्पताल में चल रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर फर्ज़ी खबरों का दौर भी जारी है. बीती रात सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि कादर खान नहीं रहे, जबकि उनके बेटे ने इन खबरों को गलत बताया है.
सरफराज ने कहा कि ये सब झूठ है, अफवाह है, मेरे पिता अस्पताल में है. 81 साल के कादर खान को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें रेगुलर वेंटीलेटर से हटाकर बाईपैप वेंटीलेटर पर रखा है.
कादर खान बॉलीवुड में साल 1973 से हैं. उन्होंने फिल्म 'दाग़' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा. इस दौरान उन्होंने अपने करियर में हर तरह की फिल्में की. विलेन, कॉमेडियन, गंभीर किरदार से लेकर अंधे तक का रोल उन्होंने बखूबी निभाया.
क्या है BiPAP वेंटिलटर ?
बाइपैप वेंटिलेटर को BiPAP के रूप में भी जाना जाता है. इसका पूरा नाम 'Bilevel Positive Airway Pressure' है. BiPAP मशीन स्लीप एपनिया से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है. इस मशीन के जरिए रोगी को मास्क की मदद से दबावयुक्त हवा दी जाती है. बाइपैप वेंटिलेटर की मदद से जो ऑक्सिजन दी जाती है वो रोगी के गले की मांसपेशियों को टूटने से बचाती है. BiPAP मशीन मरीज को रात भर आसानी से और नियमित रूप से सांस लेने में मदद करती है.
आपको बता दें कि 22 अक्टूबर 1937 को कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. कादर खान ने अपने बचपन में बहुत उतार चढ़ाव देखे थे. कादर खान के पिता ने उन्हें और उनकी मां को छोड़ दिया था और फिर उनकी जिंदगी में उनके सौतेले पिता आए.
इन सब के बीच में कादर खान और उनकी मां को गरीबी और जिंदगी की मुश्किलातों का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने सिर्फ परदे पर ही नहीं, बल्कि परदे के पीछे भी काम किया है. वो एक बहुत अच्छे लेखक हैं और उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के संवाद भी लिखे हैं.