Happy Birthday Kailash Kher: फेमस सिंगर कैलाश खेर का सूफियाना अंदाज हर किसी को पसंद है. कैलाश खेर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें भी बाकियों की तरह काफी संघर्ष करना पड़ा. लेकिन उनका संघर्ष दूसरों से काफी अलग है क्योंकि उनके जीवन में जो मुश्किलें आईं थी उसके बाद उन्होंने जिंदगी खत्म करने तक का फैसला ले लिया था.
कैलाश खेर ने हर मुश्किलों का सामना करना पड़ा और आज जिस मुकाम पर हैं वो किसी से छिपा नहीं है. कैलाश खेर का संघर्ष क्या था और उन्हें सफलता कैसे मिली, इसके बारे में हर किसी को जानना चाहिए जिससे सभी को उनकी कहानी से प्रेरणा मिले.
कैलाश खेर का फैमिली बैकग्राउंड
7 जुलाई 1973 को दिल्ली में कैलाश खेर का जन्म एक कश्मीरी हिंदू परिवार में हुआ. कैलाश खेर का घर दिल्ली के मयूर विहार में था. इनके पिता महर सिंह खेर ट्रेडिशनल सिंगर थे और कैलाश खेर ने अपने पिता से ही शिक्षा भी ली. स्कूल के दिनों में वो अपने पिता के प्रोग्राम में उनके साथ जाया करते थे. स्कूल के प्रोग्राम्स में भी कैलाश खेर ट्रेडिशन गीत गाया करते थे.
कैलाश खेर बचपन से ही पंडित गोकुलोत्सव जी महाराज, पंडित कुमार गंधर्व, पंडित भीमसेन जोशी, नुसरत फतेह अली खान और लता मंगेशकर जैसे गायकों से प्रेरित रहे हैं. संगीत के और गुण सीखने की आशा रखते हुए 14 की उम्र में कैलाश खेर घर से निकल गए थे. उनका संघर्ष यहीं से शुरू हुआ और फिर धीरे-धीरे किस्मत पलटी.
कैलाश खेर ने क्यों की थी सुसाइड की कोशिश?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैलाश खेर ने एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताया. कैलाश खेर ने कहा था कि 20-21 की उम्र में उन्होंने दिल्ली में एक्सपोर्ट का बिजनेस भी किया था इस बिजनेस में उन्हें असफलता मिली.
इसके बाद सबकुछ छोड़कर वो दिल्ली से ऋषिकेश गए जहां गाने के पैसे तो मिल जाते थे लेकिन वो इतने कम होते थे कि ठीक से गुजारा भी नहीं हो पाता था. कैलाश खेर ने बताया था कि वो दूसरों से बहुत अलग थे इसलिए किसी के साथ फिट नहीं बैठ पाते थे.
वो अपनी लाइफ में काफी निराश हुए और फिर सुसाइड के बारे में सोच लिया. सिंगर ने आगे बताया कि ये घटना 1999 की है जब बहुत सोचने-समझने के बाद उन्होंने ऋषिकेश के गंगा नदी में कूदकर सुसाइड की कोशिश की लेकिन घाट पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया.
कैलाश खेर ने आगे बताया कि जिसने उन्हें बचाया था उन्होंने कैलाश खेर को खूब डांटा और जिंदगी की कीमत बताई. इस घटना के बाद उनके जीवन में एक नया मोड़ आया और उन्होंने तब तक संघर्ष किया जब तक सफल नहीं हुए.
कैलाश खेर का संघर्ष
साल 2001 में कैलाश खेर मुंबई आ गए. ऋषिकेश में रहने के दौरान उनके कुछ दोस्त बन गए थे जो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे. उनमें से एक दोस्त ने कैलाश खेर को म्यूजिशियन राम समपथ से मिलवाया जो विज्ञापनों के जिंगल्स तैयार कराते थे. कैलाश खेर ने पहला जिंगल नक्षत्र डायमंड्स के लिए गाया था.
इसके बाद 'कोका कोला', 'सिटिबैंक', 'पैप्सी', 'हीरो हॉन्डा' और फिर आईपीएल के लिए जिंगल्स गाए. इसी दौरान नदीम-श्रवण ने उन्हें साल 2004 में आई फिल्म अंदाज का एक गाना गाने का मौका दिया. उस गाने का नाम 'रब्बा इश्क ना होवे' था और उसके बाद कैलाश खेर की किस्मत पलट गई.
कैलाश खेर के सुपरहिट गाने
कैलाश खेर ने फिल्म अंदाज के गाने 'रब्बा इश्क ना होवे' से अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद बैक टू बैक कई सुपरहिट गाने गाए हैं. 'ओ सिकंदर', 'या रब्बा', 'कैसी है ये उदासी', 'तुझे मैं प्यार करूं', 'दौलत-शोहरत', 'सईयां', 'जय जयकारा', 'बगड़बम बम', 'दामाद जी अंगना हैं', 'मेरे निशां', 'तेरी दीवानी', 'अल्लाह के बंदे' जैसे सुपरहिट गाने गाए हैं. इनके गाने का अंदाज सूफी है और यही फैंस को पसंद आता है.
कैलाश खेर की नेटवर्थ
कैलाश खेर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया था कि करियर के शुरुआती दिनों में कैलाश खेर ऋषिकेश में घाट के पास गाने गाते थे. उस दौरान उन्हें एक गाने के 50 रुपये मिल जाया करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कैलाश खेर एक गाने का 15 से 20 लाख रुपये चार्ज करते हैं.
कैलाश खेर प्लेबैक सिंगिंग, जिंगल्स, कॉन्सर्ट, रियलिटी शो गेस्ट के तौर पर हर साल करोड़ों की कमाई करते हैं. कैलाश खेर की नेटवर्थ 1,70 करोड़ रुपये के आसपास है. कैलाश खेर एक लग्जरी लाइफस्टाइल जीते हैं लेकिन बात करने में और दिखने में वो काफी सामान्य होते हैं.
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