मुंबईः एक्ट्रेस कंगना रनौत और महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है. जहां कंगना को आज केंद्रीय गृह मंत्रालय से Y+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली तो वहीं आज कंगना के मुंबई स्थित दफ्तर पर बीएमसी का छापा पड़ा. इसके बाद कंगना ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें उनका सपना टूटता दिख रहा है.


कंगना ने आज खुद उनके दफ्तर पर डाली गई बीएमसी की रेड का वीडियो ट्विटर पर डाला और कहा कि 'ये मुंबई में मणिकर्णिका फ़िल्म्ज़ का ऑफ़िस है, जिसे मैंने पंद्रह साल मेहनत कर के कमाया है, मेरा ज़िंदगी में एक ही सपना था मैं जब भी फ़िल्म निर्माता बनूँ मेरा अपना खुद का ऑफ़िस हो, मगर लगता है ये सपना टूटने का वक़्त आ गया है, आज वहाँ अचानक @mybmc के कुछ लोग आए हैं .






कंगना रनौत के मुताबिक बीएमसी की ये रेड उनके खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की बदले की भावना से की गई कार्रवाई है.


कंगना रनौत ने एक और ट्वीट को भी दिखाया है जिसे उनकी टीम ने पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा कि वहां जो ऑफिशियल आए थे वो अभद्र तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहे थे और कह रहे थे कि वो जो मैडम है उसकी करतूत का परिणाम सबको भरना होगा, उन्हें सूचना दी गई है कि कल उनकी प्रॉपर्टी गिराई जाएगी.





विवाद की कैसे हुई शुरुआत
दरअसल कंगना ने मुंबई के लिए कहा था कि ये पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) जैसे लगने लगा है और उन्हें मुंबई पुलिस से सुरक्षा नहीं बल्कि डर है. इसके बाद कंगना के खिलाफ महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा कि अगर कंगना को मुंबई में डर लगता है तो वो यहां न आएं. वहीं शिवसेना नेता और सामना के संपादक संजय राउत बोले कि कंगना को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.


इस पर कंगना ने एलान किया कि वो 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं और किसी के बाप में हिम्मत है तो उन्हें रोक के दिखाए. वहीं संजय राउत ने भी उनके लिए बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें हरामखोर लड़की तक कह डाला.


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