बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत आज अपना 33वां जन्मदिन मना रही हैं. हिमाचल प्रदेश में जन्मी और पली-बढ़ीं कंगना रनौत को फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखे करीब 14 साल हो गए हैं. लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में आना और यहां अपनी एक अलग पहचान बना पाना कंगना रनौत के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था.


कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को को हिमाचल के मंडी जिले के सूरजपुर में एक राजपूत परिवार में हुआ. परिवार में उनके अलावा उनकी एक बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत हैं. कंगना ने 15 साल की उम्र में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और करियर में कुछ अलग करने का फैसला ले लिया था. हालांकि इस फैसले के बाद का सफर उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था.



12वीं में फेल होने की वजह से टूटा डॉक्टर बनने का सपना



फिल्मों में आने से पहले के कंगना की जिंदगी की बात करें तो वो डॉक्टर बनना चाहती थीं. कंगना अपने बचपन से ही थोड़ी बागी स्वभाव की रही हैं और इसके चलते उन्हें अक्सर अपने पिता की नाराजगी का सामना भी करना पड़ता था. कंगना की पढ़ाई चंडीगढ़ के DAV स्कूल में हुई है और पढ़ाई में वह काफी अच्छी थीं. कंगना के माता पिता चाहते थे कि वो डॉक्टर बनें और कंगना भी डॉक्टर ही बनना चाहती थी. लेकिन कंगना 12 वीं में फेल हो गईं और उन्होंने सोचा कि उन्हें किसी और फील्ड में अपना करियर बनाना पड़ेगा. इसलिए कंगना ने दिल्ली शिफ्ट होने का फैसला लिया.



अकेले लिया दिल्ली में शिफ्ट होने का फैसला


मात्र 16 साल की उम्र में कंगना दिल्ली आ गईं थी. दिल्ली आने के उनके फैसले से उनका परिवार बहुत नाराज हुआ और उनकी ये नाराजगी काफी संबे समय तक चली. कंगना के दिल्ली शिफ्ट होनो से मम्मी पापा से कंगना के झगड़े होने लगे क्योंकि उनके पापा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी का करियर खराब हो. पापा के फैसले से नाखुश कंगना ने घर से पैसे लिए बिना ही घर छोड़ दिया और खुद से 10 साल बड़ी अपनी बेस्टफ्रेंड के साथ शिफ्ट हो गईं. इसके बाद कंगना मुंबई चली गईं और मुंबई में 4 महीने की एक्टिंग कोर्स में दाखिला ले लिया, और फिर यहीं से शुरू हुआ उनका फिल्मी सफर.



ऐसे मिली थी पहली फिल्म


कंगना रनौत ने साल 2006 में फिल्म 'गैंगस्टर' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. ये फिल्म उन्हें मिलने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है. कंगना रनौत उस दौरान मुंबई में थीं और काम की तलाश कर रही थी. इस दौरान वो लगातार ऑडिशन दे रहीं थीं. एक दिन वो कुछ 15-16 लड़कियों के साथ ऑडिशन देने पहुंचीं. जहां उनकी मुलाकात एक एजेंट से हुई. ये एजेंट उन्हें महेश भट्ट के ऑफिस ले गया है, जहां कंगना की मुलाकात मोहित सूरी और अनुराग बसु से हुई. फिल्म 'गैंगस्टर' के लिए अनुराग कंगना को लेना चाहते थे लेकिन महेश भट्ट का कहना था कि उन्हें इस फिल्म के लिए एक 28-30 साल की मैच्योर लड़की की तलाश थी.

बस इसी के चलते कंगना के हाथ से ये फिल्म निकल गई और इस फिल्म के लिए शाइनी आहुजा के ऑपोजिट एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह को कास्ट कर लिया गया. लेकिन वो कहते हैं न किस्मत में जो लिखा होता है वो आपको मिलकर ही रहता है. इस वाकया के करीब 2 महीने बाद कंगना के पास अनुराग बसु का एक फोन आया और उन्होंने कहा कि वो उनके साथ ही इस फिल्म को करेंगे. चित्रांगदा ने किन्हीं निजी कारणों से फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते अनुराग ने कंगना को इस फिल्म के लिए साइन किया.



पहली ही फिल्म के लिए मिला था अवॉर्ड

कंगना रनौत को अपनी पहली ही फिल्म 'गैंगस्टर' के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके बाद उन्होंने 'वो लम्हे' (2006), 'लाइफ इन अ.. मेट्रो' (2007), 'फैशन' (2008) जैसी फिल्मों में काम कर अपने अभिनय का लोहा मनवाया. इसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.

उन्होंने 'राज' (2009), 'वन्स अपॉन ए टाईम इन मुंबई' (2010) जैसी फिल्मों में काम किया. इन फिल्मों के बाद, 2011 में उन्होंने राम माधवन की 'तनु वेड्स मनु' में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, जिससे बाद से वह सभी की पसंदीदा बन गईं, फिल्म में अपने बड़बोले अंदाज से उन्होंने सभी का मन मोह लिया. इसमें उनके अभिनय को सराहा गया.

इसके बाद साल 2013 में उनकी फिल्म ''कृष 3'' आई जिसमें वो ऋतिक रोशन के साथ नजर आईं. इस फिल्म के बाद आई उनके करियर को एक नई दिशा देने वाली फिल्म 'क्वीन'. साल 2014 में आई ये फिल्म एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई और इस फिल्म ने कंगना को बॉलीवुड की 'क्वीन' बना दिया. इसके लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया. इस साल कंगना रनौत को भारत सरकार द्वार पद्म श्री सम्मान से भी नवाजा गया है